पीआर श्रीजेश संन्यास के बाद भारतीय हॉकी के राहुल द्रविड़ बनना चाहते हैं. उन्होंने भारत को ओलिंपिक चैंपियन बनाने की पूरी तैयारी कर रखी है. जिसकी शुरुआत वो जूनियर स्तर से करेंगे. श्रीजेश ने पेरिस ओलिंपिक में भारत को ब्रॉन्ज दिलाने के साथ ही हॉकी को अलविदा कह दिया. अपने करियर का आखिरी मैच खेलने के अगले ही दिन श्रीजेश ने अपनी दूसरी पारी का आगाज किया. उन्हें भारतीय जूनियर हॉकी टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया. श्रीजेश ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में अपनी दूसरी पारी का पूरा प्लान बताया. उन्होंने कहा-
उन्होंने अपनी प्लानिंग को क्लीयर करते हुए कहा-
हम अगर ऐसे ही काम करते रहे तो 2029 में शायद मेरे तैयार किये गये 15 से 20 खिलाड़ी नेशनल टीम के कैंप में होंगे. ये आंकड़ा 2030 में लगभग 30 से 35 खिलाड़ियों तक पहुंच जाएगा.
श्रीजेश ने कहा कि वो 2036 ओलिंपिक में भारतीय सरजमीं पर नेशनल टीम के मुख्य कोच रहना चाहते हैं. भारत 2036 के ओलिंपिक की मेजबानी की दावेदारी की दौड़ में है. उन्होंने कहा-
उस समय मैं शायद नेशनल टीम के कोच के लिए तैयार रहूंगा और अगर भारत ने 2036 में ओलिंपिक खेलों की मेजबानी की तो शायद मैं उस टीम का कोच रहूं.
श्रीजेश ने कहा कि उन्हें अपने लंबे करियर में हर तरह के कोच की देखरेख में खेलने का अनुभव है जो खिलाड़ियों के काफी काम आएगा. भारतीय टीम के साथ अपने 18 साल के करियर में 336 मैच खेलने वाले श्रीजेश ने कहा-
मुझे हर तरह के कोच की देखरेख में खेलने का अनुभव है चाहे वो अपने देश के कोच हो या विदेशी कोच हो.