Paris Olympics 2024: कौन हैं 58 साल की उम्र में ओलिंपिक डेब्यू करने वाली खिलाड़ी? जानें रिटायरमेंट के 38 साल बाद कैसे हुई वापसी
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कौन हैं 58 साल की टेबन टेनिस खिलाड़ी तानिया झियिंग ज़ेंग?
तानिया झियिंग ज़ेंग ने कैसे पूरा किया ओलिंपिक में खेलने का सपना?
चिली की तानिया झियिंग ज़ेंग पेरिस ओलिंपिक 2024 का हिस्सा हैं. खास बात यह है कि उन्होंने यह मुकाम 58 साल की उम्र में हासिल किया है. किशोरावस्था में झियिंग ज़ेंग ने चीन के लिए ओलंपिक में खेलने का सपना देखा था. लेकिन हालात कुछ ऐसे बदले की लगभग चार दशक बाद अब वह चिली की ओर से अपने सपने को पूरा कर रही हैं. 58 वर्षीय महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी जब 27 जुलाई को टेबल टेनिस खेलने उतरीं तो उन्हें देखकर सभी चौंक गए थे. हर किसी के मन में यही सवाल था कि इतनी उम्रदराज महिला आखिर ओलिंपिक में क्या कर रही हैं. हर कोई उनके जीवन की कहानी और ओलिंपिक तक के सफर के बारे में जानना चाहता था. तो चलिए हम आपको उनके सफर के बारे में बताते हैं.
चीन में देखा ओलिंपिक का सपना
58 वर्षीय तानिया झियिंग ज़ेंग इंटरनेशनल लेवल पर 151वें रैंक की खिलाड़ी हैं. 11 साल की उम्र में वह बीजिंग के मिलिट्री स्पोर्ट्स स्कूल में शामिल हो गई थीं. छह साल बाद वह राष्ट्रीय टीम के लिए चुनी गईं. अपने साथियों की तरह वह ओलंपिक पदक का सपना देखती थीं. लेकिन वह चीन के एलीट वर्ग में अपना स्थान बनाने में असफल रहीं. इसके बाद आखिरकार उन्होंने साल 1986 में हार मान ली. तीन साल बाद उनकी ज़िंदगी में तब एक नया मोड़ आया जब उत्तरी चिली में रहने वाले एक चिनी शख्स से निमंत्रण मिला. उन्होंने खेलना लगभग छोड़ ही दिया था, लेकिन वह कोच बनने के लिए तैयार हो गईं. इसके बाद उनके लिए एक नई दुनिया खुल गई. एक बातचीत में उन्होंने बताया,
20 साल की उम्र में मैंने ओलंपिक में भाग लेने की उम्मीद छोड़ दी थी. मैंने लगभग खेलना छोड़ ही दिया था, लेकिन मैं कोच बनने के लिए तैयार हो गया. मेरे लिए एक नई दुनिया खुल गई.
कैसे की वापसी?
चिली में लोगों को झियिंग ज़ेंग का नाम पुकारने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. यही वजह है कि उन्होंने अपना नाम तानिया रख लिया. कोविड-19 के कारण हुई कैद, इधर-उधर घूमने और अपने बेटे को व्यस्त रखने की ज़रूरत ने आखिरकार उन्हें अपने पहले प्यार की राह पर वापस ला दिया. उन्होंने एक टेबल टेनिस टेबल खरीदी और लगन से अभ्यास किया. धीरे-धीरे, वह प्रतियोगिता में वापस आ गई, बिना किसी दबाव के स्थानीय और फिर कई टूर्नामेंट जीतने लगीं. आखिरकार उन्होंने खुद को ओलिंपिक के लिए तैयार किया. हर दिन तीन घंटे, सप्ताह में पांच बार ट्रेनिंग के दम पर तानिया ने अपनी खोई हुई क्षमता वापस पा ली.
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