Paris Olympic, Badminton : पेरिस ओलिंपिक की बैडमिंटन सिंगल्स स्पर्धा के क्वार्टरफाइनल में लक्ष्य सेन ने धमाकेदार खेल दिखाकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. इसके साथ ही लक्ष्य सेन भारत के लिए ओलिंपिक में मेंस सिंगल्स की स्पर्धा के सेमीफाइनल में जाने वाले पहले पुरुष शटलर बने. पहला गेम हारने के बाद लक्ष्य सेन ने दमदार वापसी की और चीनी ताइपे के चू टिन चेन को 19-21, 21-14 और 21-12 से हराया. इस तरह साल 1992 से ओलिंपिक में बैडमिंटन की मेंस सिंगल्स स्पर्धा में भारत के लिए मेडल हासिल करने से लक्ष्य एक जीत दूर रह गए हैं. अगर वह सेमीफाइनल भी जीतते हैं तो फाइनल में जाते ही उनके नाम एक पदक पक्का हो जाएगा.
पहले गेम में हुई कड़ी टक्कर
चीनी ताइपे चू टिन चेन ने लक्ष्य सेन के सामने क्वार्टरफाइनल में पहला अंक अर्जित किया. इसके बाद लगातार दो अंक चेन ने लेकर बढ़त बनाई. जब स्कोर 5-3 था, तभी सेन ने लगातार चार अंक अर्जित किए और फिर 6-6 की बराबरी हुई. लेकिन इसके बाद 11-9 से आधे गेम तक टिन चेन आगे हो गए थे. हाफ गेम के बाद जब स्कोर 15-11 हो गया था और लक्ष्य पीछे चल रहे थे, तभी उन्होंने लगातार छह अंक लेकर अपने फेवर में स्कोर 17-15 कर दिया. लेकिन फिर से स्कोर 18-18 हुआ और उसके बाद टिन चेन ने अटैक करके स्कोर 20-18 किया, फिर अंत में लक्ष्य ने अंक लेकर 19-20 स्कोर किया मगर अंत में टिन चेन ने तूफानी स्मैश जड़कर 21-19 से पहले गेम को अपने नाम कर लिया.
दूसरे गेम में लक्ष्य सेन की धमाकेदार वापसी
पहला गेम हारने के बाद दूसरे गेम में सेन ने लगातार पहले दो अंक अर्जित किए. इसके बाद चेन ने खाता खोला. जब लक्ष्य 4-1 से आगे थे तो टिन चेन ने लगातार चार अंक लेकर फिर से वापसी कर ली और स्कोर 5-4 कर दिया. फिर बराबरी की कड़ी टक्कर जारी रही और 11-11 का स्कोर हो गया. हाफ गेम के बाद लक्ष्य सेन ने फिर वापसी की और 18-13 से शानदार स्मैश और ड्रॉप शॉट्स से बढ़त बना ली थी. इसके बाद दूसरे गेम के अंत में वापसी करने के बजाए टिन चेन से गलतियां हुई और लक्ष्य सेन ने 21-14 से दूसरे गेम को अपने नाम कर लिया.
अंतिम गेम में लक्ष्य ने मारी बाजी
अंतिम गेम में फिर से सेन ने पहला अंक लेकर खाता खोला जबकि इसके बाद चेन ने लगातार दो अंक लिए और फिर जब स्कोर 3-2 था, उस समय सेन ने वापसी करते हुए तीन अंक लिए और फिर जब स्कोर में 4-5 से लक्ष्य आगे थे तो लगातार चार अंक लेकर 9-4 का फासला कर दिया. इससे चेन वापसी नहीं कर सके और 11-7 से सेन ने आधा गेम जीता. हाफ गेम के बाद भी सेन ने दबदबा बनाए रखा और 14-9 से बेहतरीन खेल दिखाते हुए बढ़त बना ली थी. फिर सेन ने चेन को वापसी का मौका नहीं दिया और 20-12 से तीसरा गेम अपने नाम करते हुए उन्होंने ओलिंपिक में इतिहास रच दिया. जबकि तीसरी बार ओलिंपिक का क्वार्टरफाइनल खेलने वाले चेन लगातार तीसरी बार क्वार्टरफाइनल से आगे नहीं बढ़ सके.
यूथ ओलिम्पिक्स में लक्ष्य ने जीता था सिल्वर
लक्ष्य सेन की बात करें तो उन्होंने साल 2018 यूथ ओलिम्पिक्स में मेंस सिंगल्स का सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. जबकि इसके बाद भारत के लिए साल 2021 में वर्ल्ड चैंपियनशिप के सेमीफाइनल तक गए और बर्मिंघम में 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने गोल्ड मेडल भी जीता था. इस तरह तमाम टूर्नामेंट में बैडमिंटन रैकेट से धमाल मचाने वाले लक्ष्य सेन अब भारत के लिए ओलिंपिक में मेडल जीतकर ही रुकना चाहेंगे.
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