शैली सिंह अगले 4-5 साल में नीरज चोपड़ा की तरह दुनिया पर राज करेंगी, लॉन्ग जंप क्वीन अंजू बॉबी जॉर्ज का दावा

शैली सिंह अगले 4-5 साल में नीरज चोपड़ा की तरह दुनिया पर राज करेंगी, लॉन्ग जंप क्वीन अंजू बॉबी जॉर्ज का दावा

लंबी कूद की पूर्व दिग्गज खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज (Anju bobby George) का मानना है कि उनकी शिष्या शैली सिंह (Shaili Singh) के 19 साल की उम्र में प्रदर्शन पर गौर करें तो वह अगले चार या पांच साल में भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा की तरह दुनिया भर में शीर्ष पर होंगी. इसी साल शैली ने इंडियन ग्रांप्री में 6.76 मीटर की कूद लगाई थी जो अंजू के बाद किसी भारतीय महिला का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. अंजू का 6.83 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड 2004 से बरकरार है. शैली ने रविवार (21 मई) को सीनियर स्तर पर अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता जब उन्होंने जापान के योकोहामा में विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर की गोल्ड स्तर की प्रतियोगिता सीको ग्रांप्री में 6.65 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया. शैली की सीनियर स्तर पर यह पहली वैश्विक प्रतियोगिता थी.

अंजू बॉबी जॉर्ज ने पीटीआई से कहा, ‘उसने (शैली ने) 19 साल की उम्र में जितनी लंबी कूद लगाई है वह शानदार है. 19 साल की उम्र में उसने 6.76 मीटर की कूद लगाई. वह मुश्किल से मिलने वाली प्रतिभा है और हमें बेहद सतर्कता के साथ उसे निखारना होगा जिससे कि परिपक्व होने पर वह विश्व की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक बन सके.’ पेरिस में 2003 में कांस्य पदक के रूप में विश्व चैंपियनशिप का पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय महिला एथलीट अंजू और उनके पति रॉबर्ट बॉबी जॉर्ज ने शैली को 2017 में खोजा था जब वह सिर्फ 13 साल की थी.

'एशियन गेम्स में मेडल लाएगी शैली'

 

अंजू ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि शैली एशियाई खेलों में कम से कम एक पदक जीत सकती है और बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप के लिए भी क्वालीफाई कर सकती है.’ एशियाई खेल 2018 में महिला लंबी कूद की तीन पदक विजेताओं ने क्रमश: 6.55 मीटर, 6.51 मीटर और 6.50 मीटर की कूद लगाई थी. विश्व चैंपियनशिप का क्वालीफाइंग स्तर 6.85 मीटर है. शैली अगर 6.85 मीटर की कूद लगाकर बुडापेस्ट में 19 से 27 अगस्त तक होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई करती हैं तो अंजू के राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ देंगी जो उन्होंने 2004 एथेंस ओलिंपिक के दौरान बनाया था.

 

कौन हैं शैली सिंह

 

शैली को उनकी मां ने पाला है जो उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के एक गांव में कपड़े सिलने का काम करती हैं. अंजू ने कहा, ‘वह बेहद समर्पित है और बामुश्किल घर जाती है. उसकी मां उससे मिलने के लिए बेंगलुरु आती है. वित्तीय रूप से अब वह बेहतर स्थिति में है, उसके पास कुछ प्रायोजक हैं और वह टॉप्स (डेवलपमेंट ग्रुप) में भी शामिल है.’

 

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