भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) साल 2018 से जिस- जिस कॉम्पिटिशन में हिस्सा ले रहे हैं वो टॉप 3 में आए हैं. ओलिंपिक चैंपियन ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कई अहम खुलासे किए और कहा आगे के लिए उन्हें खुद के शरीर को और ज्यादा कष्ट देने की जरूरत है. हाल ही में खत्म हुए डायमंड लीग में वो टॉप पायदान पर रहे थे. लेकिन कुछ दिन पहले उन्हें मसल स्ट्रेन हो गया था. ऐसे में उन्होंने कहा है कि, वो अपने प्रदर्शन से पूरी तरह खुश नहीं हैं.
फिटनेस पर देना चाहता हूं ध्यान
पिछले सप्ताह लुसाने डायमंड लीग जीतने वाले ओलिंपिक भाला फेंक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने सोमवार को कहा कि अगस्त में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप से पहले शारीरिक और मानसिक फिटनेस पर फोकस रहेगा लेकिन 90 मीटर की बाधा पार करने का कोई दबाव नहीं है . मांसपेशियों में खिंचाव के कारण तीन टॉप लीग्स में भाग नहीं लेने वाले चोपड़ा ने डायमंड लीग में वापसी करते हुए पिछले सप्ताह 87.66 मीटर की दूरी के साथ लगातार दूसरी बार टॉप स्थान हासिल किया. उन्होंने पांच मई को दोहा में अपने करियर के चौथे सर्वश्रेष्ठ 88.67 मीटर के थ्रो के साथ सीजन की शुरुआती डायमंड लीग जीती थी. नीरज ने भारतीय मीडिया से बातचीत में कहा कि,‘‘ शारीरिक और मानसिक रूप से दोहा की तुलना में लुसाने में काफी कठिन था क्योंकि बीच में चोटिल होने के कारण पूरा फोकस उस पर रह गया था . सीजन के बीच में चोट लग जाने पर रिकवरी पर फोकस चला जाता है .’’
90 मीटर है लक्ष्य: नीरज चोपड़ा
नीरज ने कहा कि ,‘‘ बीच में मैने तीन कॉन्टिनेंटल गोल्ड लेवल के टूर्नामेंट छोड़े जहां मौसम अच्छा था और मैं 90 मीटर की बाधा पार कर सकता था लेकिन इसका कोई दबाव नहीं है . अभी एशियाई खेल और वर्ल्ड चैंपियनशिप होनी है तो जिस दिन परिस्थितियां बनेंगी, 90 मीटर का थ्रो लग जायेगा. लुसाने के मौसम को देखते हुए प्रदर्शन अच्छा रहा.’’ चोपड़ा ने कहा कि अब उनका ध्यान चोट से बचने पर है. उन्होंने कहा, ‘‘चोट खिलाड़ी के करियर का हिस्सा होती हैं लेकिन मैं खुशकिस्मत रहा हूं कि टॉप्स (टारगेट ओलिंपिक पोडियम योजना), साइ (भारतीय खेल प्राधिरकण) और महासंघ (भारतीय एथलेटिक्स महासंघ) का पूरा सहयोग मिला है जिससे चोट के बाद तुरंत डॉक्टर से सलाह ले सका. रिकवरी और रिहैब में भी देरी नहीं हुई. अब मेरा मुख्य फोकस चोट से बचना है. ’’
वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतना है
उन्होंने कहा कि अब उनका फोकस 19 से 27 अगस्त तक हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में सौ प्रतिशत फिट रहकर उतरने पर होगा . चोपड़ा ने कहा ,‘‘ अभी तक मैने वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड नहीं जीता है और इस बार इस कमी को पूरी करने के लिये काफी मेहनत करनी है . फोकस शारीरिक फिटनेस और मानसिक दृढता पर रहेगा . उससे पहले टूर्नामेंटों का चयन भी काफी सोच समझकर करना है ताकि चोटमुक्त रहूं और फिटनेस भी बरकरार रहे .’’ चोपड़ा ने 2022 में अमेरिका के यूजीन में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था.
मोटा हो गया हूं: नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा से जब ये पूछा गया कि क्या उन्होंने अपना वजन बढ़ाया तो इसपर उन्होंने कहा कि, क्या आप मुझे मोटा कह रहे हो? हां मैं थोड़ा मोटा हो गया हूं. मेरा फैट परसेंटेज थोड़ा बढ़ गया है. मैं उतनी हार्ड ट्रेनिंग नहीं कर पा रहा था और डायट भी ठीक नहीं थी. मैं मोटे होने की वजह से धीमा नहीं था बल्कि मेरे दिमाग में ये सब चल रहा था. मैं और तेज हो सकता था लेकिन मैं खुद को धक्का दे रहा था. चोपड़ा अपनी तकनीक में बहुत बदलाव के समर्थक नहीं है लेकिन सुधार के प्रयास जारी रखते हैं . उन्होंने कहा ,‘‘ मैं तकनीक में बदलाव नहीं करता क्योंकि मेरा शरीर उसके अनुरूप ढल चुका होता है . सुधार की कोशिश लगातार करता रहता हूं बाकि तो सारा माइंड गेम है . डायमंड लीग फाइनल सितंबर के बीच में होना है और उसके बाद चोपड़ा को एशियाई खेलों में भाग लेना है लिहाजा वह चुनकर ही टूर्नामेंट खेलेंगे . उन्होंने कहा ,‘‘ अभी मैने तय नहीं किया है कि मोनाको में खेलूंगा या नहीं . वैसे मुझे डायमंड लीग के 16 अंक (दोहा और लुसाने दोनों में आठ) मिल चुके हैं जो फाइनल के लिये काफी होंगे . अभी लगातार खेलता रहा तो वर्ल्ड चैंपियनशिप तक फिटनेस पर असर पड़ सकता है .’’ उन्होंने कहा ,‘‘ एशियाई खेलों के बाद पेरिस ओलिंपिक में आठ से दस महीने का समय ही है तो अभ्यास जल्दी शुरू करना होगा . टोक्यो ओलिंपिक के बाद मैने लंबा ब्रेक ले लिया था लेकिन वह गलती अब नहीं दोहरानी है .’’
क्रिकेट- जैवलिन में है खास कनेक्शन
नीरज ने ये भी कहा कि, उनके जर्मन बायोमैकेनिक्स के कोच डॉ क्लॉस बार्टोनिट्ज़ ने उनपर काफी ज्यादा रिसर्च किया है. कोच ने ही उन्हें बताया था कि, भाला फेंकने के दौरान उनके शरीरा का दस गुना ज्यादा वजन अगले पांव पर जाता है. जिसे क्रिकेट में फ्रंट फुट कहते हैं. ऐसे में आप तेजी से दौड़ सकते हैं लेकिन आपको ब्लॉक करना होता है. स्पीड को कंट्रोल करना होता है. मैं इस दौरान धीमा था इसलिए लंबा थ्रो नहीं फेंक पाया.
एशियाई खेलों में पाकिस्तान के अरशद नदीम से मुकाबले के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ मैं इसे भारत - पाकिस्तान के नजरिये से नहीं देखता . मेरा फोकस अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर रहता है और मैं उम्मीद करता हूं कि प्रतिस्पर्धा अच्छी रहेगी ताकि हम एक दूसरे को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये प्रेरित कर सकें .’’
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