Paris Olympics: भारत का पिछले ओलिंपिक में कैसा रहा प्रदर्शन, भारतीय खिलाड़ियों ने कितने मेडल जीते थे

Paris Olympics: भारत का पिछले ओलिंपिक में कैसा रहा प्रदर्शन, भारतीय खिलाड़ियों ने कितने मेडल जीते थे
मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था.

Highlights:

टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों ने वेट लिफ्टिंग, एथलेटिक्स, रेसलिंग, हॉकी, बॉक्सिंग और बैडमिंटन में पदक जीते.

भारत के लिए यह खेल इस लिहाज से खास थे कि 1900 के बाद पहली बार भारत ने एथलेटिक्स ने मेडल जीता.

भारत के लिए टोक्यो ओलिंपिक 2020 शानदार रहा था. तब भारतीय खिलाड़ियों ने इतिहास का सबसे अच्छा खेल दिखाते हुए सात मेडल जीते थे. इनमें एक गोल्ड भी शामिल था. साथ ही भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने भी लंबा सूखा खत्म करते हुए पदक हासिल किया था. ऐसे में पिछले एडिशन ने भारतीय खेल प्रेमियों को खुश होने के काफी मौके दिए थे. भारत ने जापान में एक गोल्ड के अलावा दो सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. उसने यह मेडल छह अलग-अलग तरह के खेलों में जीते थे.

 

टोक्यो ओलिंपिक खेल एक साल की देरी से 2021 में हुए थे. इन्हें 2020 में होना था लेकिन कोरोना की वजह से देरी हुई. लेकिन इन्हें माना टोक्यो ओलिंपिक 2020 ही जाता है. तब भारत की तरफ से चार मेडल पुरुषों और तीन महिलाओं ने दिलाए थे. टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों ने वेट लिफ्टिंग, एथलेटिक्स, रेसलिंग, हॉकी, बॉक्सिंग और बैडमिंटन में पदक जीते. भारत के लिए यह खेल इस लिहाज से खास थे कि 1900 के बाद पहली बार भारत ने एथलेटिक्स ने मेडल जीता और वह भी गोल्ड के रूप में. इस दौरान वेटलिफ्टिंग में दूसरी, बैडमिंटन में तीसरी बार मेडल हासिल किए.

 

नीरज चोपड़ा, पीवी सिंधु और मीराबाई ने रचा इतिहास

 

टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने जो मेडल हासिल किए उनमें नीरज चोपड़ा का गोल्ड, पीवी सिंधु का ब्रॉन्ज और मीराबाई चानू को सिल्वर एतिहासिक रहा. नीरज पहले भारतीय बने जिन्होंने ओलिंपिक में जैवलिन गोल्ड जीता. साथ ही वह दूसरे भारतीय रहे जिन्होंने ओलिंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में सोना हासिल किया. पहले अभिनव बिंद्रा हैं. सिंधु का कांसा इस लिहाज से अहम रहा कि वह दो व्यक्तिगत मेडल जीतने वाली दूसरी भारतीय और पहली महिला हैं. उनसे पहले पहलवान सुशील कुमार ने ऐसा किया था. चानू वेटलिफ्टिंग में ओलिंपिक से चांदी लाने वाली पहली भारतीय हैं. इस स्पर्धा में मेडल लाने वाली वह दूसरी खिलाड़ी हैं. उनसे पहले 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांसा हासिल किया था.

 

हॉकी में 41 साल बाद आया मेडल

 

भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने भी टोक्यो के जरिए मेडल का सूखा खत्म किया. उसने तब कांसा जीता. इससे पहले हॉकी में आखिरी बार मेडल 1980 में आया था. तब भारत ने मॉस्को में खेले गए ओलिंपिक्स में सोना जीता था. टोक्यो में भारतीय महिला हॉकी टीम भी मेडल के करीब थी लेकिन वह कांस्य पदक का मुकाबला हार गई थी.

 

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