बिहार की बेटी, देश का गौरव: पुनपुन की कोमल ने चीन में लहराया तिरंगा, ड्रैगन बोट रेस में जीता ब्रॉन्‍ज

बिहार की बेटी, देश का गौरव: पुनपुन की कोमल ने चीन में लहराया तिरंगा, ड्रैगन बोट रेस में जीता ब्रॉन्‍ज
प्रतीकात्मक तस्वीर

Story Highlights:

पुनपुन के दियारा से कोमल ने तय किया हांग कांग का सफर, जीता गोल्‍ड

बिहार सरकार और नीतीश कुमार की नीतियों ने गांव की प्रतिभा को लगाए पंख

कोमल की कहानी बिहार की हजारों बेटियों और खिलाड़‍ियों के लिए बन रही प्रेरणा

पुनपुन की लहरों से हांगकांग के पोडियम तक का सफर…! यह कहानी है अरवल की बेटी कोमल की, जिसने सीमित संसाधनों में सपनों को पंख दिए और बिहार ही नहीं, देश का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया. कोमल की यह उड़ान बिहार सरकार की 'मेडल लाओ, नौकरी पाओ' और 'खेल सम्मान समारोह' जैसी योजनाओं की बदौलत और भी ऊंची हुई है, जिसने राज्य के युवाओं में खेल को लेकर नई चेतना जगाई है.

राष्ट्रीय स्तर से अंतरराष्ट्रीय पहचान तक

 

2020 में कोमल को बिहार ड्रैगन बोट एसोसिएशन ने मोतिहारी कैंप में बुलाया. यहां तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद उनका राष्ट्रीय टीम के लिए चयन हुआ. उन्होंने नेशनल लेवल पर तीन गोल्ड मेडल जीते. 2023 में थाईलैंड वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया, हालांकि वहां उन्हें पदक नहीं मिला. लेकिन हार मानने की बजाय कोमल ने गांव लौटकर पुनपुन नदी में फिर से अभ्यास शुरू किया. 2024 में उनका चयन एशियन ड्रैगन बोट चैंपियनशिप के लिए हुआ. इसके बाद चीन के हांगकांग में 500 मीटर और 200 मीटर रेस में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया.

प्रेरणा बनी कोमल

 

कोमल के पिता लालदेव सिंह कहते हैं, "यह सिर्फ मेरी बेटी की जीत नहीं, बल्कि हर उस बेटी की जीत है जो सीमित संसाधनों में बड़े सपने देखती है. अगर समय पर बिहार सरकार और जिला खेल विभाग का सहयोग नहीं मिलता, तो कोमल शायद इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती."