दिल्ली की रहने वाली प्रिशा गोयल ने महज 13 साल की उम्र में अंडर-13 राष्ट्रीय टेबल टेनिस चैंपियनशिप का खिताब जीतकर इतिहास रच डाला. प्रिशा ने फाइनल मुकाबले में महाराष्ट्र की इक्शिका को 12-10, 13-11, 11-6 और 11-4 से हराया. इस तरह खिताब जीतने के बाद प्रिशा ने इण्डिया टुडे से खास बातचीत में अपने ट्रॉफी जीतने तक के सफर को याद किया और बताया कि कैसे उनके पिता अमित गोयल और उनके कोच अंशुल गर्ग और निकुंज गर्ग हमेशा चट्टान की तरह उनके साथ खड़े रहे. जिनके चलते वह इस मुकाम को हासिल कर सकी.
U13 चैंपिनशिप खिताब जीत के सफर के बारे में बताए कि ये सब कैसे और कब शुरू हुआ?
प्रिशा: मैंने 2016 से टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था. कुछ महीने खेलने के बाद मेरे साथी खिलाड़ी जीतने लगे और मैं भी उस उपलब्धि को हासिल करना चाहती थी. इसलिए, मैंने अपने पिता से एक टेबल टेनिस रैकेट खरीदने का अनुरोध किया क्योंकि मैं मैच जीतने में समर्थ थी लेकिन जीत नहीं पा रही थी. मेरे पिताजी ने मुझे पदक जीतने का महत्व समझाया. साथ ही, खेल के प्रति मेरे समर्पण को देखकर, मेरे कोच निकुंज सर ने मुझे और प्रेरित किया. जिससे ये सफर यहां तक आ पहुंचा.
प्रिशा: मेरे लिए पढ़ाई भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, इसलिए मैं अपने टूर्नामेंट के आधार पर सप्ताह में 2-3 बार स्कूल जाने की कोशिश करती हूं. मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा पढ़ाई और प्रशिक्षण के बीच समय का प्रबंधन करना सिखाया है. मैं दिन में 7-8 घंटे ट्रेनिंग करती हूं और पढ़ाई के लिए कम से कम 2-3 घंटे देती हूं. मेरे स्कूल के शिक्षक भी इस मामले में काफी साथ देते हैं.
टेबल टेनिस को करियर के रूप में अपनाने की इच्छा रखने वाले अपने दोस्तों के लिए आपका क्या संदेश होगा?
प्रिशा: टेबल टेनिस एक बहुत ही रोचक खेल है. यह हमारे कौशल, एकाग्रता और ध्यान को बढ़ाता है और हमारे मस्तिष्क को भी तेज करता है. मैं अपने दोस्तों से कहना चाहती हूं कि टेनिस को अपने सर्वांगीण विकास के लिए करियर के रूप में अपनाएं.
आपका अगला लक्ष्य क्या है?
प्रिशा: मेरा अगला लक्ष्य सभी नेशनल में शीर्ष 4 में अपनी स्थिति बनाए रखना है. मैं जनवरी 2022 ने नंबर 5 थी, इसलिए मैं अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शीर्ष 2 में अपनी रैंक बनाए रखना चाहती हूं. पहली बार, मैं अंडर-19 और अंडर-17 राष्ट्रीय चैंपियनशिप खेलने जा रही हूं और मुझे अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है क्योंकि मेरा मानना है कि मैं शानदार फॉर्म में हूं. आगामी टूर्नामेंटों में अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश है.
आप अपने परिवार और कोच को क्या एक खास संदेश देना चाहती हैं ?
प्रिशा: मेरे माता-पिता और कोचों के समर्थन के बिना कुछ भी संभव नहीं होता. मेरे माता-पिता और मेरे बड़े भाई ताकत के स्तंभ रहे हैं और उन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया है और मुझ पर अपना भरोसा बनाए रखा है. वे सभी उतार-चढ़ाव के दौरान हमेशा मेरे लिए रहे हैं. मैं टीम अंशुल गर्ग अकादमी को हमेशा मेरे साथ रहने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं. मैं विशेष रूप से अंशुल सर और निकुंज सर को मेरे मार्गदर्शक, मुझे प्रोत्साहित करने के लिए और मुझे वह बनाने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं, जो मैं आज हूं. आप दोनों को मेरे कोच के रूप में रखने से मुझे यह महसूस करने में मदद मिलती है कि न केवल खेल में, बल्कि जीवन में भी सफल होने के लिए मुझे क्या करने की आवश्यकता है.