भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचने वाले दो खिलाड़ियों ने राज्य सरकार से मिलने वाली इनामी राशि को ठुकरा दिया है. वह राज्य सरकार से मिलने वाले इस सम्मान संतुष्ट नहीं हैं. बीते दिनों भारत ने मैंस और विमेंस दोनों कैटेगरी में खो-खो वर्ल्ड कप जीता था. खो-खो वर्ल्ड कप का ये पहला एडिशन था, जिसे भारतीय टीम जीतने में सफल रहीं. बीते दिनों नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में भारतीय मैंस टीम ने फाइनल में नेपाल को 54-36 से हराकर खिताब अपने नाम किया था, जबकि विमेंस टीम ने भी नेपाल को 78-40 को हराकर खिताब जीता.
इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय खो-खो खिलाड़ी चारों तरफ छा गए. उनका हर जगह स्वागत हो रहा है. प्लेयर्स को सम्मानित किया जा रहा है, इस बीच दो खिलाड़ियों के सम्मान और इनामी राशि ठुकराने की खबर आई. खो-खो वर्ल्ड कप जीतने वाली मैंस और विमेंस टीम का हिस्सा रहे कर्नाटक के दो खिलाड़ियों ने राज्य सरकार से मिले सम्मान से असंतोष व्यक्त करते हुए पांच लाख रुपये का नकद पुरस्कार ठुकरा दिया है.
क्यों ठुकराई इनामी राशि?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन्हें सम्मानित किया और उनकी उपलब्धियों की तारीफ की, लेकिन खो खो खिलाड़ी एम के गौतम और चैत्रा बी का मानना कि यह सम्मान काफी है. उनका कहना है कि नकद पुरस्कार उन्हें खेल में बने रहने के लिए प्रोत्साहित नहीं करेगा और न ही यह दूसरों को खो-खो खेलने के लिए प्रेरित करेगा. खिलाड़ियों के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने उनकी विजेता टीम के खिलाड़ियों के लिए 2.25 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार और सरकारी नौकरी की घोषणा की है. पुरस्कार ठुकराने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए गौतम ने कहा-
हम पुरस्कार ठुकराकर मुख्यमंत्री का अपमान नहीं कर रहे हैं, लेकिन हमें वह सम्मान नहीं मिला, जिसके हम हकदार थे. इसलिए हम इसे ठुकरा रहे हैं.
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी मांग है कि राज्य सरकार इस मामले की गहन समीक्षा करें और देखे कि महाराष्ट्र में यह कैसे किया गया है और फिर फैसला लें. गौतम का कहना है कि महाराष्ट्र के बाद अगर कोई ऐसा राज्य है, जहां दो खिलाड़ी वर्ल्ड कप खेले हैं तो वह कर्नाटक है.