भारत के पास कुल 41 ओलिंपिक मेडल हैं, जिसमें 10 गोल्ड, 10 सिल्वर और 21 ब्रॉन्ज मेडल है. इन 41 में से भारत ने सबसे ज्यादा 13 मेडल हॉकी में जीते, जबकि रेसलिंग में 8, शूटिंग में सात और एथलेटिक्स में चार मेडज जीते. वहीं बैडमिंटन और बॉक्सिंग में तीन-तीन मेडल जीते.भारत की नजर साल 2028 में लॉस एंजिलिस में होने वाले अगले ओलिंपिक में मेडल की संख्या को बढ़ाने पर है. इससे पहले भारत समेत दुनिया के मुक्केबाजों को अच्छी खबर मिली है. अब मुक्केबाज भी अगले ओलिंपिक की तैयारी में जुट जाएंगे. लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में बॉक्सिंग को शामिल किया जायेगा. इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी (आईओसी) के कार्यकारी बोर्ड ने मंगलवार से शुरू हो रहे 144वें सत्र से पहले इसे मंजूरी दे दी है.
आईओसी ने पिछले महीने विश्व मुक्केबाजी को अस्थायी मान्यता दे दी थी, जिससे इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन(आईबीए) को दरकिनार करके नई
नियामक ईकाई को अधिकार सौंप दिए गए थे. आईओसी के 18 से 21 मार्च तक चलने वाले सत्र में थॉमस बाक की जगह नये अध्यक्ष का भी चुनाव किया जायेगा.इसके साथ ही लॉस एंजिलिस ओलिंपिक 2028 में मुक्केबाजी को शामिल करने के कार्यकारी बोर्ड के फैसले को मंजूरी भी मिलेगी.
बाक ने कार्यकारी बोर्ड की बैठक के बाद कहा-
फरवरी में विश्व मुक्केबाजी को अस्थायी मान्यता मिलने के बाद हम यह फैसला लेने की स्थिति में थे.सत्र में इसे मंजूरी के लिये रखा जायेगा और मुझे यकीन है कि इसे मंजूरी मिल जायेगी.इसके बाद दुनिया भर के मुक्केबाज लॉस एंजिलिस ओलिंपिक में चुनौती पेश कर सकेंगे.अगर उनकी नेशनल फेडरेशन को विश्व मुक्केबाजी से मान्यता मिली हुई है.
आईओसी की देखरेख में ही टोक्यो ओलिंपिक 2020 और पेरिस ओलिंपिक 2024 में बॉक्सिंग के इवेंट हुए. लंबे समय से चले आ रहे संचालन संबंधी मसलों और मुकाबलों की निष्पक्षता पर सवाल उठने के बाद 2023 में आईबीए की मान्यता रद्द कर दी गई थी. विश्व मुक्केबाजी के अध्यक्ष बोरिस वान डेर वोर्स्ट ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा-
यह ओलिंपिक मुक्केबाजी के लिये काफी अहम फैसला है और ओलिंपिक कार्यक्रम में खेल को बहाल करने के करीब ले जाने वाला है.मैं आईओसी के कार्यकारी बोर्ड को धन्यवाद देता हूं.
ये भी पढ़ें-