भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कार्यकारी परिषद (ईसी) में बगावत करने वाले सदस्यों पर पलटवार हुए आरोप लगाया कि उनका मकसद देश के खेल की भलाई करने की जगह ‘खुद के फायदे और मौद्रिक लाभ’ लेने पर है. कार्यकारी परिषद ने पीटी उषा पर आईओए को ‘अपने तरीके’ से चलाने का आरोप लगाया था.
इनमें से कुछ ईसी सदस्यों का ट्रैक रिकॉर्ड बेहद संदिग्ध है. इसमें लैंगिक भेदभाव के आरोप और यहां तक कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले भी दर्ज हैं.
उन्होंने कहा-
इसके अलावा यह बताना भी जरूरी है कि इनमें से कुछ ईसी सदस्यों के ट्रैक रिकॉर्ड बेहद संदिग्ध हैं. उन पर लैंगिक पूर्वाग्रह के आरोप हैं. यहां तक कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले भी दर्ज हैं.
कार्यकारी परिषद के 12 सदस्यों ने शनिवार को इंटरनेशनल ओलिंपिक समिति (आईओसी) के सीनियर अधिकारी जेरोम पोइवे को पत्र लिखकर पीटी उषा पर तानाशाही से काम करने का आरोप लगाया था. उन्होने कार्यकारी परिषद की नोकझोंक से भरी बैठक के दौरान उषा का आईओए सीईओ के पद से रघुराम अय्यर को हटाने की उनकी मांग को खारिज करने के बाद आईओसी को पत्र लिखा. कार्यकारी परिषद के सदस्यों ने पोइवे को लिखा कि वे आईओए के सीईओ के पद के लिए फिर से विज्ञापन देंगे.
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