टोक्यो ओलिंपिक की ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने भारतीय बॉक्सिंग फेडरेशन के कार्यकारी निदेशक कर्नल अरुण मलिक के खिलाफ ‘अपमानजनक और लैंगिक भेदभावपूर्ण व्यवहार’ जैसे गंभीर आरोप लगाए है, जिसकी जांच की जा रही है और जल्द ही एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी. भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
लवलीना ने इस दौरान अनुरोध किया कि उनके निजी कोच को नेशनल कैंप में आने की अनुमति दी जाए ,जो बीएफआई की नीति के खिलाफ है. निजी कोच भी ऑनलाइन बैठक में मौजूद थे. वह यह भी चाहती थीं कि कोच को उनके साथ यूरोप में ट्रेनिंग के लिए जाने की अनुमति भी दी जाए. लवलीना के अनुसार मलिक ने आक्रामक तरीके से जवाब दिया और उनसे अपमानजनक तरीके से बात की. इस मुक्केबाज ने कहा-
उन्होंने मुझे साफ तौर पर कहा कि चुप रहो, अपना सिर नीचे करो और जैसा हम कहते हैं वैसा करो. उनके शब्द ना केवल अपमानजनक थे बल्कि लैंगिक भेदभाव और सत्तावादी प्रभुत्व का एक खतरनाक लहजा भी थे. ऐसा कुछ किसी के भी साथ नहीं होना चाहिए, खासकर देश का सम्मान बढ़ाने वाली महिला के साथ.
लवलीना ने कहा-
मुझे छोटा, अनसुना और शक्तिहीन महसूस कराया गया. यह सिर्फ एक व्यक्तिगत अपमान नहीं था. यह हर उस महिला खिलाड़ी पर हमला था, जो रिंग के अंदर और बाहर दोनों जगह ऊंचा उठने का सपना देखती है.
लवलीना ने ‘निष्पक्ष जांच’ और यदि ये कार्य स्वीकार्य आचरण के उल्लंघन में पाए जाते हैं तो आवश्यक अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की. हालांकि मलिक ने आरोपों को सिरे से खारिज किया और ‘बिना किसी आधार के’ बताया. मलिक ने कहा कि लवलीना के अनुरोधों पर विचार किया गया और उन्हें सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया गया क्योंकि वे भारतीय मुक्केबाजी महासंघ की नीतियों के अनुरूप नहीं थे.