World Championship : 88.13 मीटर के साथ नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीत रचा इतिहास, 90 मीटर पर आया गोल्ड

World Championship : 88.13 मीटर के साथ नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीत रचा इतिहास, 90 मीटर पर आया गोल्ड

भारतीय भाला फेंक स्टार नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप्स 2022 (World Athletics Championship) में इतिहास रच दिया है. नीरज ने रविवार को खेले गए फाइनल्स में 88.13 मीटर दूर भाला फेंक (Javelin Throw) सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया है और वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में जैवलिन थ्रो का सिल्वर मेडल जीतने वाले वो भारत के पहले एथलीट बन गए हैं. टोक्यो 2020 ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट से मुकाबले से पहले भी मेडल की उम्मीद की जा रही थी और नीरज पूरी तरह उम्मीदों पर खरे उतरे. नीरज को मिलाकर फाइनल में कुल 12 भाला फेंक खिलाड़ी थे. लेकिन नीरज इस बार गोल्ड मेडल से चूक गए और 90 मीटर की दूरी को पार नहीं कर सके. जिसके चलते उन्हें सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा. ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 90 मीटर के आंकडें से शुरुआत की और अंतिम थ्रो भी 90.54 मीटर दूर फेंक कर गोल्ड अपने नाम किया. जबकि 88.09 मीटर की दूरी के साथ चेक रिपब्लिक के साथ याकूब वैडलेक के नाम कांस्य पदक रहा. 

फाउल से नीरज ने की थी शुरुआत 
वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल राउंड की बात करें तो नीरज चोपड़ा की शुरुआत सही नहीं रही थी. पहले प्रयास में नीरज फाउल कर बैठे थे. जबकि ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने पहले ही थ्रो में 90.21 मीटर की दूरी तय करके दिखा दिया कि अब गोल्ड मेडल जीतने के लिए बाकी सभी को 90 मीटर का मार्क पार करना होगा. नीरज ने दूसरे प्रयास में 82.39 मीटर तो तीसरे प्रयास में 86.37 मीटर दूर भाला फेंका. वहीं भारत के अन्य जैवलिन थ्रोअर रोहित यादव अपने पहले तीन प्रयास में सबसे अधिक 78.72 मीटर की दूरी ही तय कर सके और उन्हें बाहर होना पड़ गया.

 

 

 

चौथे प्रयास में नीरज का धमाल 
पहले तीन प्रयास में नीरज चौथे स्थान पर चल रहे थे जबकि चेक रिपब्लिक के याकूब वैडलेक ने अपने तीसरे प्रयास में 88.09 मीटर की दूरी से दूसरे स्थान पर कब्जा जमा रखा था. इसके बाद अंतिम राउंड और कुल अपने चौथे प्रयास में नीरज ने 88.13 मीटर दूर भाला फेंक कर सिल्वर मेडल के लिए दावा पेश कर दिया. इसके बाद बाकी कोई भी एथलीट नीरज से सिल्वर मेडल नहीं छीन सका. वहीं ग्रेनाडा के पीटर्स ने पहले थ्रो के बाद अंतिम थ्रो सबसे अधिक 90.54 मीटर दूर फेंक कर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया.

 

जूनियर चैंपियन रह चुके हैं नीरज

कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में डेब्यू करने से पहले पानीपत के नीरज पहले ही जूनियर वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं. नीरज ने असली कमाल गोल्ड कोस्ट में किया था जब उन्होंने 86.47 मीटर का भाला फेंक तहलका मचा दिया था. नीरज इस दौरान अपने पर्सनल बेस्ट से सिर्फ एक सेंटीमीटर से चूक गए थे. लेकिन इस बार नीरज ने इतिहास बना दिया जहां अब वो भारत की तरफ से वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं. फाइनल से पहले नीरज ने कहा था कि, वो जीतने के लिए नहीं लड़ते बल्कि वो बेहतर होने के लिए खेलते हैं. 

 

ओलिंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय ट्रैक एंड फील्ड एथलीट
टोक्यो ओलिंपिक मेंस भाला फेंक इवेंट में नीरज ने उस वक्त इतिहास बना दिया था जब उन्होंने अपना आखिरी थ्रो फेंका था. नीरज ने दूसरे थ्रो में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका और गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. उस दौरान ओलिंपिक मेडल जीतने वाले वो पहले भारतीय ट्रैक एंड फील्ड एथलीट थे. नीरज ने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका था, जबकि दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर रहा था. इसके साथ ही उनका गोल्ड मेडल लगभग पक्का हो गया था, क्योंकि वह दोनों ही राउंड में टॉप पर रहे थे. उन्होंने तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर थ्रो किया था.

 

तोड़ चुके हैं जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड
ओलिंपिक मेडल से 5 साल पहले नीरज साल 2016 U-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में इतिहास बना चुके थे. उस दौरान उन्होंने जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा था. नीरज ने 86.48 मीटर का थ्रो फेंका था और टाइटल अपने नाम किया था. इस चैंपियनशिप के बाद नीरज को कोई भी रोक नहीं पाया. कोविड लॉकडाउन, या फिर कोहनी की चोट, नीरज लगातार आगे बढ़ते गए और नए रिकॉर्ड अपने नाम करते गए.

 

संघर्ष की कहानी
पिछले कुछ सालों में नीरज ने संघर्ष किया है, खासकर साल 2019 में जब वो कोहनी के चोट के चलते 8 महीने तक इस खेल से दूर रहे थे. इस चोट के चलते 23 साल का आर्मी का नायब सूबेदार टॉप भाला फेंक खिलाड़ी बनने से चूक गया. अगर नीरज को ये चोट नहीं लगती तो वो 90 मीटर मार्क क्रॉस कर सकते थे. नीरज को लगी इस चोट के बाद कई एथलेटिक्स गुरू ने यहां तक कह दिया था कि उनकी वापसी मुश्किल है लेकिन खेती बैकग्राउंड से आने वाले इस खिलाड़ी ने सभी को गलत साबित किया और अंत में ऐसी वापसी की कि दुनिया देखती रह गई.

 

हरियाण में जन्में नीरज 

हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव में जन्मे चोपड़ा पहली बार तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने गुवाहाटी में 2016 के दक्षिण एशियाई खेलों में 82.23 के थ्रो के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए स्वर्ण पदक जीता. उस समय सिर्फ 19 साल की उम्र में, चोपड़ा ने पोलैंड में विश्व अंडर -20 चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतने के रास्ते पर एक जूनियर विश्व रिकॉर्ड बनाया. वह 2016 रियो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके क्योंकि उनके प्रयास क्वालीफाइंग अवधि समाप्त होने के बाद आए थे. लेकिन फिर उन्होंने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने के लिए 86.47 मीटर की सीजन-सर्वश्रेष्ठ दूरी तक भाला फेंका. कुछ महीने बाद, उन्होंने जकार्ता में एशियाई खेलों में अपना राष्ट्रीय रिकॉर्ड फिर से लिखते हुए स्वर्ण पदक जीता.

 

एथलीट के लिए साल की शुरुआत शानदार रूप से हुई है, 24 वर्षीय ने अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ और राष्ट्रीय रिकॉर्ड में दो बार सुधार किया है. चोपड़ा ने टोक्यो 2020 के बाद प्रतियोगिता में प्रभावशाली वापसी की जहां उन्होंने 89.30 मीटर थ्रो के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़कर पावो नूरमी गेम्स में रजत पदक जीता और कुओर्टेन गेम्स में 86.69 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीता. अपने शानदार फॉर्म को जारी रखते हुए, उन्होंने हाल ही में स्वीडन में स्टॉकहोम डायमंड लीग 2022 में दूसरे स्थान पर रहने के लिए 89.94 मीटर के थ्रो के साथ फिर से राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ दिया था.