भारत के अनुभवी टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि उम्र उनके लिए महज एक नंबर है. 43 साल की उम्र में बोपन्ना ने एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल दिला दिया. बोपन्ना ने रुतुजा भोसले के साथ मिलकर मिक्स्ड डबल्स का गोल्ड मेडल जीता. इसी के साथ भारतीय जोड़ी ने इतिहास भी रच दिया है. भारत ने लंबे इंतजार के बाद मिक्स्ड डबल्स का खिताब जीता. 2014 में सानिया मिर्जा और साकेत मायनेनी की जोड़ी और 2006 में लिएंडर पेस और सानिया मिर्जा ने जोड़ी ने मिक्स्ड डबल्स का खिताब जीता था.
एशियन गेम्स में रुतुजा का ये पहला गोल्ड है, जबकि बोपन्ना का एशियाड में दूसरा गोल्ड मेडल है. बोपन्ना ने पिछले एशियाड में दिविज शरण के साथ मिलकर मैंस डबल्स का खिताब जीता था. भारतीय जोड़ी ने ताइपे की जोड़ी को 2-6, 6-3, 10-4 से हराया. बोपन्ना और भोसले ने पहला सेट आसानी से गंवा दिया, मगर इसके बाद भारतीय जोड़ी ने जोरदार वापसी की. दूसरा सेट जीतकर भारत ने स्कोर 1-1 से बराकर किया और फिर फाइनल सेट में दोनों के बीच कांटे की टक्कर चली. भारत ने टाई ब्रेक में तीसरा सेट जीतकर फाइनल जीत लिया.
टेनिस में भारत को दूसरा मेडल
इस एशियाड में टेनिस में भारत का ये दूसरा मेडल है. इससे पहले साकेत और रामकुमार रामानाथन की जोड़ी ने मैंस डबल्स में सिल्वर जीता था. बोपन्ना ने सिर्फ मिक्सड डबल्स के फाइनल में पहला सेट गंवाने के बाद ही वापसी नहीं की, बल्कि मैंस डबल्स में शर्मनाक हार मिलने के बाद भी वापसी की और मिक्स्ड डबल्स में देश को गोल्ड दिलाया. दरअसल मैंस डबल्स में बोपन्ना और युकी भांबरी की जोड़ी ओपनिंग राउंड में ही हारकर बाहर हो गई थी.
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