IND vs PAK Handshake Controversy: भारतीय टीम को पाकिस्तान से हाथ नहीं मिलाने की क्या मिलेगी सजा? जानिए नियम

IND vs PAK Handshake Controversy: भारतीय क्रिकेट टीम ने एशिया कप 2025 के मुकाबले में पाकिस्तान को सात विकेट से करारी हार दी. इसके बाद उन्होंने मजबूत संदेश देते हुए पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाया.

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Shivam Dube and Suryakumar Yadav

भारत-पाकिस्तान के बीच एशिया कप मुकाबले मेंं हैंशेक विवाद सामने आया है (Photo: AP)

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सूर्यकुमार यादव ने टॉस के वक्त और मैच खत्म होने के बाद पाकिस्तानी कप्तान से हाथ नहीं मिलाया.

सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तान पर जीत को पहलगाम पीड़ितों और ऑपरेशन सिंदूर के जवानों को समर्पित किया.

भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 का ग्रुप मुकाबला 14 सितंबर को हुआ. इसमें सूर्यकुमार यादव की कप्तानी वाली टीम इंडिया ने सात विकेट से जीत दर्ज की. इस नतीजे के इतर यह मुकाबला कुछ दूसरी वजहों से भी याद रखा जाएगा. भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने मैच के दौरान पाकिस्तानी कप्तानी सलमान आगा से न तो टॉस के बाद हाथ मिलाया और न ही मैच खत्म होने के बाद. इसके बाद उन्होंने भारत की जीत को पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और ऑपरेशन सिंदूर में शामिल रहे भारतीय सेना के जवानों को समर्पित किया. इन घटनाओं के बाद भारत में टीम इंडिया की काफी तारीफ हो रही है. वहीं पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ है. उसने टीम इंडिया पर एक्शन के लिए बयान जारी किया. ऐसे में जान लेते हैं कि क्या हाथ नहीं मिलाने, जीत को पहलगाम पीड़ितों को समर्पित करने पर क्या कार्रवाई हो सकती है.

IND vs PAK: सूर्यकुमार यादव ने पाकिस्तानी टीम से क्यों हाथ नहीं मिलाया? सामने आया जवाब, कप्तान बोले- हमने फैसला किया था कि...

भारतीय कप्तान सूर्या ने टॉस के वक्त सलमान आगा से हाथ नहीं मिलाया. उन्होंने इसके नतीजे को लेकर ब्रॉडकास्टर से बात की और फिर टीम शीट को मैच रेफरी को देकर आ गए. मैच के बाद उन्होंने विजयी छक्का लगाया. इसके बाद वह और शिवम दुबे ने जश्न मनाया और दोनों भारतीय ड्रेसिंग रूम की तरफ रवाना हो गए. भारतीय बल्लेबाजों ने न तो अंपायर्स और न ही पाकिस्तान के किसी खिलाड़ी ने हाथ मिलाया. भारतीय खेमे ने फिर ड्रेसिंग रूम के दरवाजे भी बंद कर दिए. लेकिन ऐसा करके भारत ने कोई नियम नहीं तोड़ा.

हाथ मिलाना रस्म है नियम नहीं

 

आईसीसी का कोई नियम मैच के बाद या पहले दोनों टीमों को हाथ मिलाने के लिए बाध्य नहीं करता है. हाथ मिलाना एक रस्म है. कोई टीम चाहे तो हाथ मिला सकती है और चाहे तो नहीं. पुराने समय में मैच समाप्ति के बाद एक दूसरे के प्रति सम्मान जताने के लिए हाथ मिलाया जाता था. धीरे-धीरे यह परंपरा बन गई. ऐसे में भारत और उसके कप्तान पर कोई कार्रवाई नहीं होगी.

क्या पहलगाम पीड़ितों को जीत समर्पित करना राजनीतिक कदम है?

 

भारत के कप्तान सूर्या ने जीत के बाद पोस्ट मैच प्रजेंटेशन और प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीत को अप्रैल में पहलगाम में आतंकी हमले में जान गंवाने लोगों व उनके परिवारों को समर्पित किया. साथ ही ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने वाले भारतीय सैनिकों को भी इस जीत के जरिए ट्रिब्यूट दिया. इसके बाद पाकिस्तानी मीडिया की तरफ से कहा गया कि भारतीय टीम ने क्रिकेट में राजनीति को मिक्स किया है. ऐसा करना गलत है. लेकिन ऐसा कोई नियम नहीं है जो यह कहता है कि आप अपनी जीत को किसे समर्पित कर सकते हैं और किसे नहीं. जीतने वाली टीम किसी को भी अपनी जीत समर्पित कर सकती है. फिर चाहे वह परिवार का सदस्य हो, कोई दोस्त हो, अपना देश हो या कोई और.

इससे साफ है कि पाकिस्तान की तरफ से बिना वजह भ्रम फैलाया जा रहा है. भारत ने एशिया कप में उसके खिलाफ मैच के दौरान कोई नियम नहीं तोड़ा.

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