भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने रविवार को स्वीकार किया कि उप कप्तान केएल राहुल (KL Rahul Test Form) की लंबे समय से चली आ रही खराब फॉर्म के बारे में काफी चर्चा हो रही है. इस बल्लेबाज को धीमी उछाल लेती पिचों पर रन बनाने का खुद का तरीका ढूंढ़ना होगा. युवा शुभमन गिल बेहतरीन फॉर्म में हैं और वह अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं जिससे राहुल पर दबाव बढ़ता जा रहा है जिनका औसत 47 टेस्ट के बाद 35 से कम का है जो किसी भी मानदंड से काफी लचर है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्तमान टेस्ट सीरीज में वे बुरी तरह नाकाम रहे हैं.
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राहुल ने पिछली सात पारियों में 22, 23, 10, 2, 20, 17 और 1 रन बनाए हैं. मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में जब रोहित से राहुल के संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘इस टीम में अलग अलग खिलाड़ी हैं और उनके रन जुटाने के अलग अलग तरीके हैं. हम नहीं देखना चाहेंगे कि कोई खिलाड़ी कैसे रन बना रहा है क्योंकि यह महत्वपूर्ण है कि हर कोई एकजुट होकर रन बनाए. यह हमारे लिए बड़ी सीरीज है इसलिए केएल राहुल पर मेरी राय यही है.’
रोहित ने माना राहुल की फॉर्म पर हो रही बातें
रोहित ने कहा, ‘जब आप इस तरह की पिचों पर खेल रहे होते हैं तो आपको रन जुटाने के लिये अपना तरीका ढूंढ़ने की जरूरत होती है.’ हर बल्लेबाज के स्पिनरों के खिलाफ रन जुटाने के तरीके अलग होते हैं. बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने राहुल के प्रदर्शन को देखते हुए उनके सलामी बल्लेबाज के स्थान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था. लेकिन कप्तान ने स्वीकार किया कि राहुल की मौजूदा फॉर्म के बारे में कुछ बातें हो रही हैं. पर कप्तान ने कहा कि राहुल की काबिलियत की अनदेखी नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ समय से उसकी बल्लेबाजी पर काफी बातें हो रही है. लेकिन बतौर टीम प्रबंधन, हम सिर्फ केएल की नहीं बल्कि हर खिलाड़ी की काबिलियत देखते हैं. अगर कोई खिलाड़ी काबिल है तो उसे ज्यादा मौके मिलते हैं.’
रोहित ने गिनाया राहुल का योगदान
रोहित ने राहुल के लॉर्ड्स और सेंचुरियन में लगाए टेस्ट शतकों को गिनाते हुए बताया कि वे किस लिहाज से स्पेशल खिलाड़ी हैं. उन्होंने कहा, ’जिनके पास संभावना है उन्हें अतिरिक्त मौके मिलेंगे. यह सिर्फ केएल पर नहीं सब पर लागू होता है. भारत से बाहर उसने दो शतक लगाए हैं. केएल की जो बेहतरीन पारी मैंने देखी वह लॉर्ड्स में नमी वाली पिच पर थी. वहां टॉस हारकर पहले बैटिंग करते हुए उसने शतक लगाया. इंग्लैंड में खेलना आसान नहीं होता. सेंचुरियन भी ऐसा ही था. भारत ने दोनों ही मैच जीते. उसके पास ऐसी संभावना है.’
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