भारत को चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाले टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने अब बड़ा बयान दिया है. रोहित ने साल 2027 वनडे वर्ल्ड कप को लेकर अहम खुलासा किया है. रोहित ने कहा कि फिलहाल वो 2027 के बारे में कुछ नहीं सोचना चाहते कि वो खेलेंगे या नहीं. वहीं उन्होंने जीत के बाद ये भी घोषणा कर दी थी कि वो रिटायरमेंट नहीं लेने वाले हैं.
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रोहित ने रविवार को न्यूजीलैंड पर चार विकेट की बड़ी जीत के साथ भारत को अपना तीसरा चैंपियंस ट्रॉफी खिताब दिलाया. टूर्नामेंट से पहले उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं क्योंकि कुछ महीने पहले ही उन्होंने 2024 टी20 विश्व कप के बाद टी20 से संन्यास ले लिया था. ऐसे में कुछ लोगों का मानना था कि वो वनडे फॉर्मेट भी छोड़ सकते हैं. लेकिन जी के बाद उन्होंने यह साफ कर दिया कि वो अब वनडे फॉर्मेट नहीं छोड़ने वाले हैं.
मैं फिलहाल 2027 वनडे वर्ल्ड कप के बारे में नहीं सोचना चाहता
रोहित ने जियो हॉटस्टार से खास बातचीत में कहा कि, “अभी, मैं चीजों को वैसे ही ले रहा हूं जैसे वे आ रही हैं. मेरे लिए बहुत आगे के बारे में सोचना उचित नहीं होगा. रोहित ने टीम की जीत के बाद जियो हॉटस्टार को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "इस समय मेरा ध्यान अच्छा खेलने और सही मानसिकता बनाए रखने पर है." "मैं कोई सीमा नहीं खींचना चाहता और यह नहीं कहना चाहता कि मैं 2027 विश्व कप में खेलूंगा या नहीं. अभी इस तरह के बयान देने का कोई मतलब नहीं है."
बता दें कि, रोहित ने फाइनल में अपने 76 (83) रन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी जीता, जिसमें सात चौके और तीन छक्के शामिल थे. उन्होंने न केवल भारत के 252 रनों के लक्ष्य का पीछा करने की नींव रखी, बल्कि उन पंडितों को भी जवाब दिया जिन्होंने उनके करियर और उनके खेल को लेकर सवाल उठाए थे. रोहित ने बताया कि कैसे 2023 विश्व कप से पहले टीम ने अपनी सोच बदली.
रोहित ने कहा कि, "2023 विश्व कप से पहले, हमने अपनी मानसिकता बदलने के बारे में गंभीर चर्चा की. अब ध्यान व्यक्तिगत मील के पत्थर, शतक बनाना या पांच विकेट लेने पर नहीं था, क्योंकि अंत में, अगर टीम नहीं जीतती है, तो वे उपलब्धियां मायने नहीं रखती हैं. मैंने 2019 में यह कठिन तरीके से सीखा. मैंने पांच शतक बनाए, लेकिन जब हम ट्रॉफी नहीं जीत पाए तो इसका क्या मतलब था?".
रोहित ने आगे बताया कि "मैं यह तय नहीं करना चाहता कि दूसरी टीमें हमें कैसे देखें. मैं बस यही चाहता हूं कि वे हमें कभी हल्के में न लें. भले ही हम पांच विकेट खो चुके हों, हमारे पास वापसी करने और खेल को पलटने की क्षमता है. मैच की आखिरी गेंद फेंके जाने तक, हमारे विरोधियों को हमेशा हमारे खिलाफ खेलने का दबाव महसूस करना चाहिए.''
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