रोना आ रहा होगा...BCCI पर करुण नायर के बचपन के कोच का हमला, कहा- टिशू पेपर की तरह इस्तेमाल करना बंद करो

करुण नायर के बचपन के कोच शिवानंद ने कहा कि, टैलेंटेड खिलाड़ियों की इज्जत करो और टिशू पेपर की तरह उनका इस्तेमाल करना बंद करो.

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ट्रेनिंग सेशन के दौरान करुण नायर

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करुण के बचपन के कोच ने बीसीसीआई पर हमला बोला है

शिवानंद ने कहा कि टैलेंटेड खिलाड़ियों को टिशू की तरह इस्तेमाल करना बंद करो

करुण नायर ने साल 2016 में तिहरा शतक ठोका था. उनसे पहले सिर्फ एक भारतीय ने ऐसा किया था और वो वीरेंद्र सहवाग थे. ऐसे में नायर की इंटरनेशनल क्रिकेट में धमाकेदार एंट्री हो चुकी थी. लेकिन इसके बाद जो हुआ उसने फैंस के साथ करुण को भी काफी धक्का पहुंचाया. नायर इसके बाद भारत के लिए तीन और टेस्ट खेले और फिर सेलेक्टर्स की रडार से लंबे समय के लिए गायब हो गए. 

शनिवार को चेयरमैन अजीत अगरकर ने नायर को इंग्लैंड जाने वाले 18 सदस्यीय टीम में जगह दी. और इसी के साथ उनका 8 साल का लंबा इंतजार खत्म हुआ. इस बीच नायर ने डोमेस्टिक में खूब रन बनाए.  उन्होंने अपनी टीम भी बदली और कर्नाटक से विदर्भ गए. इसका नतीजा ये रहा कि उन्होंने अपनी टीम को चैंपियन बनाया. ऐसे में वो अब इंग्लैंड में जलवा दिखाने के लिए तैयार हैं.

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टैलेंटेड खिलाड़ियों को टिशू पेपर की तरह इस्तेमाल करना बंद करो

नायर के बचपन के कोच बी शिवानंद समझ नहीं पा रहे हैं कि नायर को अपने भारतीय करियर के सिर्फ तीन टेस्ट मैचों में ऐतिहासिक तिहरा शतक लगाने के बावजूद क्यों बाहर कर दिया गया. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि उन्हें बाहर करने के पीछे क्या सोच थी." "मेरा मानना ​​है कि यह तिहरा शतक था. सफलता अक्सर कीमत पर मिलती है. (वीरेंद्र) सहवाग के बाद, नायर ही टेस्ट में तिहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी थे, और उनके जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी को मौका देने के बजाय, उन्हें नजरअंदाज किया गया." शिवानंद ने नायर के साथ 'टिशू पेपर' जैसा व्यवहार करने के लिए भारतीय टीम प्रबंधन की आलोचना की.

शिवानंद ने आगे कहा कि, "यह सही नहीं है. यह किसी भी ऐसे क्रिकेटर के साथ सही नहीं है जो टैलेंटेड है और अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ टिशू पेपर जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. कोई भी अन्य क्रिकेटर हार मान सकता था या संन्यास भी ले सकता था, लेकिन यह खिलाड़ी वापसी के लिए वाकई भूखा था." 

करुण भूखा है और बल्ले से जवाब देगा

बता दें कि,नायर ने 114 प्रथम फर्स्ट क्लास मैचों में 49 की औसत से 8,211 रन बनाए हैं. उनके नाम 23 शतक और 36 अर्धशतक हैं. शिवानंद ने कहा, "नायर हमेशा कहता था, 'मुझे घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में रन बनाने हैं' और उसे भरोसा था कि उसे उसकी कड़ी मेहनत का इनाम मिलेगा. इंतजार बहुत लंबा था और मुझे यकीन है कि कहीं गहरे अंदर करुण चुपचाप रो रहे होंगे. लेकिन इस बार, आप एक अलग करुण को देखेंगे." "वह बाहरी तौर पर आक्रामक नहीं है, लेकिन अगर आप वास्तव में उसकी आक्रामकता देखना चाहते हैं, तो उसे अभी देखें, बल्ले से. मैं चाहता हूं कि वह इस बार शतक के साथ सभी सवालों के जवाब दे, और वह ऐसा करेगा. उस पर नजर रखें. मैं बस इतना ही कहना चाहता हूं. वह भूखा है - बहुत भूखा.''

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