अफगानिस्तान वर्ल्ड कप 2023 में तीसरी जीत दर्ज करते हुए श्रीलंका को धूल चटा दी. गेंदबाजों और बल्लेबाजों के एकजुट खेल के बूते अफगान टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप में लगातार दो मैच जीते. पुणे में खेले गए मैच में अफगानिस्तान को जीत के लिए 242 रन का लक्ष्य मिला था जो उसने महज तीन विकेट गंवाकर 46वें ओवर में अपने नाम कर लिया. उसकी ओर से कप्तान हशमतुल्लाह शाहिदी, रहमत शाह और अजमत ओमरजई ने अर्धशतक लगाए. इंग्लैंड को हराकर इस मैच में उतरी श्रीलंकाई टीम को बल्लेबाजों ने काफी निराश किया. टीम अफगान तेज गेंदबाज फजलहक फारूकी के शानदार प्रदर्शन के आगे 241 रन ही बना सकी. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज फारूकी ने 34 रन देकर चार विकेट चटकाए. स्पिनर मुजीब उर रहमान (38 रन पर दो विकेट) ने भी दो विकेट चटकाए जिससे श्रीलंका की टीम 49.3 ओवर में सिमट गई.
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श्रीलंका के लिए सलामी बल्लेबाज पथुम निसांका ने सर्वाधिक 46 रन बनाए. कप्तान कुसाल मेंडिस ने 39 जबकि सदीरा समरविक्रमा ने 36 रन की पारी खेली. श्रीलंका एक समय अच्छी पॉजीशन में थी लेकिन उसने आखिरी आठ विकेट 110 रन में गंवा दिए जिससे टीम 250 का आंकड़ा पार नहीं कर पाया.
अफगानिस्तान की तीसरी जीत
अफगानिस्तान की यह इस वर्ल्ड कप में तीसरी जीत है. उसने इससे पहले इंग्लैंड और पाकिस्तान को मात दी थी. उसने अपने पिछले चार मैचों में तीन वर्ल्ड चैंपियन टीमों को धूल चटाई है. पाकिस्तान ने 1992, श्रीलंका ने 1996 तो इंग्लैंड ने 2019 में वर्ल्ड कप जीता था. श्रीलंका के खिलाफ फारूकी ने चार विकेट लेकर इतिहास रचा. वह पहले अफगान तेज गेंदबाज बने जिन्होंने वर्ल्ड कप के एक मुकाबले में चार विकेट लिए हैं. अफगानिस्तान को फील्डिंग के दौरान दूसरे ही ओवर में तब झटका लगा जब विकेटकीपर इकराम अलीखिल एक थ्रो को पकड़ने की कोशिश में अंगुली चोटिल करा बैठे. इसके चलते गुरबाज ने कीपिंग दस्ताने पहने.
गुरबाज को चौथी ही गेंद पर गंवाया
लक्ष्य का पीछा करते हुए अफगानिस्तान को पहले ही ओवर में जबरदस्त झटका लगा. गुरबाज पारी की चौथी ही गेंद पर बोल्ड हो गए. दिलशान मदुशंका की गेंद अंदर आई और अफगान बल्लेबाज के डिफेंस में सेंध लगा गई. मदुशंका ने इस विकेट के साथ पावरप्ले में कामयाबी का सिलसिला जारी रखा. लेकिन इब्राहिम जादरान (39) और रहमत शाह ने दूसरे विकेट 73 रन की साझेदारी कर टीम को संभाल लिया. दोनों बल्लेबाजों ने श्रीलंकाई गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया और कमजोर गेंदों को निशाना बनाने की रणनीति अपनाई. 17वें ओवर में मदुशंका ने ही श्रीलंका को दूसरी कामयाबी दिलाई. उन्होंने एक छोटी गेंद पर इब्राहिम को फंसाया और थर्ड मैन पर दिमुथ करुणारत्ने के हाथों कैच कराया. इब्राहिम की पारी में चार चौके व एक छक्का शामिल रहा.
रहमत-हशमत ने लिखी जीत की कहानी
रहमत ने फिर कप्तान हशमतुल्लाह शाहिदी के साथ तीसरे विकेट के लिए 58 रन जोड़े. इस बीच रहमत ने वर्ल्ड कप में अपना लगातार दूसरा अर्धशतक पूरा किया. उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 77 रन की पारी खेली थी. रहमत ने 61 गेंद में 50 रन का आंकड़ा पार किया. 62 रन बनाने के बाद कसुन रजीता की गेंद पर वे करुणारत्ने को कैच दे बैठे. श्रीलंकाई गेंदबाजों ने इस मुकाबले में शॉर्ट बॉल की रणनीति अपनाई लेकिन वह कारगर नहीं रही. इस तरह की गेंदों पर अफगान टीम कुछ मौकों पर किस्मत की धनी रही तो बाकी मौकों पर उसके बल्लेबाजों ने छक्के लगाए.
जब रहमत आउट हुए तब टीम को जीत के लिए 111 रन चाहिए थे. यह काम हशमत ने अजमत ओमरजई के साथ मिलकर कर दिया. हशमत ने इस दौरान वनडे करियर का 18वां अर्धशतक लगाया. वहीं अजमत ने तीसरी वनडे फिफ्टी लगाई और करियर का सर्वोच्च स्कोर बनाया. दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 111 रन की अटूट साझेदारी की. शाहिदी दो चौकों व एक छक्के से 58 तो अजमत 63 गेंद में छह चौकों व तीन छक्कों से 73 रन बनाकर नाबाद रहे.
श्रीलंका की बैटिंग कैसी रही
टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरे श्रीलंका के लिए निसंका अच्छी लय में दिखे. कुसल परेरा की जगह एकादश में जगह बनाने वाले सलामी बल्लेबाज दिमुथ करुणारत्ने को हालांकि अफगानिस्तान के गेंदबाजों की सटीक गेंदबाजी के सामने जूझना पड़ा. फारूकी ने छठे ओवर में करुणारत्ने को पगबाधा करके अफगानिस्तान को पहली सफलता दिलाई. मैदानी अंपायर ने उन्हें नॉटआउट दिया था लेकिन डीआरएस लेने पर अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा. करुणारत्ने ने 15 रन बनाए. निसंका और मेंडिस ने दूसरे विकेट के लिए 62 रन की साझेदारी करके पारी को संभाला.
श्रीलंका का मिडिल ऑर्डर रहा नाकाम
निसांका जब अपने पांचवें अर्धशतक के करीब थे तब तेज गेंदबाज अजमत ओमरजई की गेंद पर विकेटकीपर रहमानुल्लाह गुरबाज को कैच दे बैठे. उन्होंने 60 गेंद का सामना करते हुए पांच चौके मारे. अफगनिस्तान के गेंदबाजों ने बल्लेबाजों को लगातार दबाव में रखा और रन गति कभी पांच रन प्रति ओवर से अधिक नहीं हुई. मुजीब, राशिद खान (50 रन पर एक विकेट) और मोहम्मद नबी की स्पिन तिकड़ी ने श्रीलंका के बल्लेबाजों को खुलकर नहीं खेलने दिया. समरविक्रमा और मेंडिस पर रन गति बढ़ाने का दबाव साफ दिखा. कप्तान मेंडिस अंतत: बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में मुजीब की गेंद पर नजीबुल्लाह जादरान को कैच दे बैठे. मुजीब ने इसके बाद समरविक्रमा को एलबीडब्ल्यू कर 30वें ओवर में श्रीलंका का स्कोर चार विकेट पर 139 रन कर दिया.
मैथ्यूज-तीक्षणा ने सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया
चरिथ असलंका (22), धनंजय डिसिल्वा (14) और दुष्मंता चमीरा (1) प्रभावी पारियां खेलने में नाकाम रहे. लेकिन मैथ्यूज और तीक्षणा ने आठवें विकेट के लिए 45 रन जोड़कर टीम का स्कोर 250 रन के करीब पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. तीक्षणा ने 29 जबकि मैथ्यूज ने 23 रन की पारी खेली. आखिरी 10 ओवर में श्रीलंका ने 56 रन जुटाए और तीन विकेट गंवाए.
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