ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल (Glenn Maxwell) ने वर्ल्ड कप 2023 में अफगानिस्तान के खिलाफ नाबाद 201 रन की पारी खेली थी. इसे क्रिकेट इतिहास की सबसे महान पारियों में गिना जा रहा है. उन्होंने 128 गेंद में 21 चौकों व 10 छक्कों की मदद से यह रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया को हार की कगार से निकालकर जीत दिला दी. उन्होंने इस मैच के नतीजे के बाद भारतीय उपमहाद्वीप की टीमों की बड़ी कमी बता दी. ग्लेन मैक्सवेल का कहना है कि एक बार जब मैच इन टीमों के हाथ से निकलने लगता है तब वे बिखरने लगती है. तब उनमें झगड़ा, अंदरुनी भीतरघात, एकदूसरे को अंगुली दिखाना शुरू हो जाता है. उन्होंने एक पॉडकास्ट पर यह बयान दिया.
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‘Club Prairie Fire’ पॉडकास्ट में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन और ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट की मौजूदगी में मैक्सवेल ने अफगानिस्तान मैच का जिक्र किया और कहा, 'पहले 15-20 ओवर में जिस तरह की ऊर्जा से वह खेल रहे थे वह असाधारण थी और हमने कई बार ऐसा देखा है. मैं उपमहाद्वीप की कई टीमों के खिलाफ खेला हूं और एक बात मुझे पता लगी है कि अगर आप उन्हें खेल में पीछे कर देते है, भले ही रन न बनाओ लेकिन डटे रहो, एक-दो शॉट लगाते रहो और आप देखोगे कि वे कैसे सपाट हो जाते हैं. उनमें कलह होने लगती है, थोड़ी बहुत अंदरुनी झगड़ा होने लगता है, अंगुली उठाते हैं, बाहें चढ़ाने लगते हैं, फील्डर्स ध्यान नहीं देते हैं और ऐसा ही होना लगता है और मैं ऐसी टीमों में रहा हूं जहां ऐसा होते देखा है.'
मैक्सवेल ने किस प्लानिंग से की बैटिंग
मैक्सवेल जब अफगानिस्तान के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करने उतरे तब हैट्रिक का खतरा था. पहली ही गेंद पर उनके बल्ले का किनारा लग गया था लेकिन वह बच गए. इसके बाद दो बार उनके कैच छूटे तो एक बार एलबीडब्ल्यू पर बाल-बाल बचे. उन्होंने बैटिंग को लेकर कहा, 'जब मैं गया, मुझे लगा कि अगर शुरुआत में समय दूं और पता लगाऊं कि मुझे कहां मारना है तो मेरे हाथ मुझे समस्या से बचा लेंगे. मैं खुद को अलग-अलग लैंथ के लिए ऑप्शन दूंगा. मैं मुजीब का उदाहरण देता हूं. मेरी पारी की शुरुआत में मैंने नूर अहमद को एक रिवर्स स्वीप खेला जिससे कि डीप स्क्वेयर लेग थोड़ा बाजू हो जाए. मुझे पता था कि उन्हें किसी न किसी स्टेज पर मिड ऑफ को ऊपर लाना होगा. इससे मुझे मिड ऑफ, कवर के दोनों तरफ खाली जगह मिल गई. जैसे ही मुझे गेंद ऑफ के बाहर मिलती तब मैं अपने हाथों से गैप निकाल लेता.'
मैक्सवेल के दमदार दोहरे शतक के बूते ऑस्ट्रेलिया ने 291 रन का लक्ष्य हासिल किया. इसके जरिए यह बल्लेबाज पहला क्रिकेटर बना जिसने नंबर पांच से नीचे आकर डबल सेंचुरी लगाई. साथ ही ऑस्ट्रेलिया की ओर से वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बने.
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