अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्रिकेट के मैदान पर क्यों और कैसे बन गए एकदूसरे के दुश्मन?

अफगानिस्तान में क्रिकेट के लोकप्रिय होने में पाकिस्तान का योगदान रहा है लेकिन पिछले कुछ सालों में दोनों टीमों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिलती है.

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Shakti Shekhawat

अफगानिस्तान पाकिस्तान की क्रिकेट राइवलरी खूब सुर्खियां बटोर रही हैं.

अफगानिस्तान पाकिस्तान की क्रिकेट राइवलरी खूब सुर्खियां बटोर रही हैं.

Highlights:

1992 में जब पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप जीता तो उसका रिफ्यूजी कैंप में रहने वाले अफगान लोगों पर गहरा असर पड़ा.अफगानिस्तान ने लगातार सात हार के बाद पाकिस्तान को वनडे क्रिकेट में हराया.

वर्ल्ड कप 2023 में अफगानिस्तान ने पिछले दिनों पाकिस्तान को आठ विकेट से धूल चटा दी. यह अफगान टीम की पाकिस्तान पर वनडे क्रिकेट में पहली जीत रही. इससे पहले उसे लगातार सात मुकाबलों में हार झेलनी पड़ी थी. जीत मिलने के बाद अफगानिस्तान के लोगों ने खूब जश्न मनाया और इसे क्रिकेट के मैदान पर अभी तक की अपनी सबसे बड़ी कामयाबी बताया. अफगानिस्तान के शहरों में देर रात को जमकर जश्न मनाया गया. राशिद खान, मोहम्मद नबी जैसे सितारों ने भी खूब मौज उड़ाई, मैदान से लेकर ड्रेसिंग रूम तक खूब नाच गाना हुआ. पर क्या वजह है कि यह दोनों पड़ोसी देश क्रिकेट के मैदान पर एकदूसरे के दुश्मन बन गए? क्यों दोनों देशों के खिलाड़ियों में खूब टकराव देखने को मिलता है.

 

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में क्रिकेट के मैदान पर टकराव की बड़ी वजह राजनीतिक है. जब अफगानिस्तान में सोवियत संघ ने घुसपैठ की तब बड़ी संख्या में अफगान लोग सीमा पारकर पाकिस्तान चले गए. यहां पर रहते हुए ही उन्होंने क्रिकेट का सबक सीखा. 1992 में जब पाकिस्तान ने वर्ल्ड कप जीता तो उसका रिफ्यूजी कैंप में रहने वाले अफगान लोगों पर गहरा असर पड़ा. इसके जरिए उनका क्रिकेट से राब्ता हुआ. इसके बाद ही अफगानिस्तान में क्रिकेट की एंट्री हुई. लेकिन रिफ्यूजी कैंपों में रहते हुए अफगान लोगों को काफी मुश्किलें झेलनी पड़ी. बात बिगड़ने की शुरुआत 2007 में हुई. परवेज मुशर्रफ तब पाकिस्तान के प्रेसीडेंट थे. उस समय अमेरिका ने अल कायदा और ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के लिए अफगानिस्तान पर हमला किया.

 

इससे अफगान लोग जान बचाने के लिए पाकिस्तानी सीमा में आने लगे. लेकिन मुशर्रफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तानी सरकार ने उनसे मुंह फेर लिया. साथ ही अफगानिस्तान को पाकिस्तान से कूटनीतिक स्तर पर भी मदद और समर्थन नहीं मिला. यह बात अफगान लोगों के मन में बैठ गई. इससे दोनों के बीच रिश्तों में तनातनी आई. वहीं जब अफगानिस्तान क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने लगा तो पाकिस्तान का एक तबका एहसान जताने लगा. वह बार-बार यह अहसास दिलाता कि पाकिस्तान की वजह से ही अफगानिस्तान ने क्रिकेट सीखा. इससे मैदान पर प्रतिद्वंद्विता बढ़ने लगी. यह मुकाबलों में साफ दिखने लगी.

 

2019 वर्ल्ड कप में पहली बार दिखी थी राइवलरी

 

2019 वर्ल्ड कप में जब दोनों टीमें टकराईं तब पाकिस्तान ने कड़े मुकाबले में जीत हासिल की. इस मैच के दौरान दर्शकों ने काफी हुड़दंग मचाया. कई लोगों ने जोर-जबरदस्ती ने स्टेडियम में घुसने की कोशिश की. मैच में भी रोमांच की हदें पार हुईं. यहां पर खिलाड़ियों में तनातनी दिखाई दी. शाहीन अफरीदी ने अफगान ओपनर हजरतुल्लाह जजाई को स्लेज किया जिस पर इस बल्लेबाज ने उनकी तरफ देखा भी नहीं और हाथ से ही जाने का इशारा किया. इमाद वसीम के ऑलराउंड खेल से पाकिस्तान बड़ी मुश्किल से यह मैच जीत पाया.


एशिया कप में मारपीट तक पहुंचे खिलाड़ी

 

तीन साल बाद एशिया कप 2022 में मामला कुछ कदम आगे बढ़ गया. शारजाह में खेले गए मैच में पाकिस्तान आखिरी ओवर में जीता. इसमें पाकिस्तानी बल्लेबाज आसिफ अली और अफगान पेसर फरीद अहमद के बीच मारपीट की नौबत आ गई थी. मैच के बाद अफगान फैंस ने काफी उधम मचाया था और स्टेडियम की कुर्सियां तक निकाल दी थी. अब जब वर्ल्ड कप 2023 में अफगानिस्तान जीता तो प्लेयर ऑफ दी मैच चुने गए इब्राहिम जादरान ने अपने अवार्ड को पाकिस्तान से निकाले गए अफगान लोगों को समर्पित कर दिया. इससे फिर से राजनीतिक तनाव उभर आया.

 

पाकिस्तानी मीडिया में जादरान के बयान पर खूब सवाल-जवाब हुआ. पूर्व क्रिकेटर्स ने कहा कि अफगानिस्तान क्यों पाकिस्तान को अपना विरोधी मानते हैं जबकि उन्होंने यहीं पर क्रिकेट सीखा है.

 

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