वर्ल्ड कप खेल रहे नेदरलैंड्स टीम के 3 'भारतीयों' की कहानी, पंजाब-आंध्र से निकले और परदेस में मचाई धूम, जानिए कौन हैं ये सितारे

नेदरलैंड्स की टीम 2011 के बाद पहली बार वर्ल्ड कप खेल रही है. इसमें भारतीय मूल के तीन खिलाड़ी हैं जो डच टीम के अहम सदस्य हैं. जानिए इनकी कहानी.

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PTI Bhasha

नेदरलैंड्स टीम. (Getty Images)

नेदरलैंड्स टीम. (Getty Images)

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तेजा निदामनुरु, आर्यन दत्त और विक्रमजीत सिंह वर्ल्ड कप 2023 में नेदरलैंड्स क्रिकेट टीम की ओर से खेल रहे हैं.नेदरलैंड्सक्रिकेट टीम 12 साल बाद 50 ओवर वर्ल्ड कप खेल रही है.

तेजा निदामनुरु, आर्यन दत्त और विक्रमजीत सिंह वर्ल्ड कप 2023 में नेदरलैंड्स क्रिकेट टीम की ओर से खेल रहे हैं. भारत से ताल्लुक रखने वाले इन तीनों क्रिकेटर्स के लिए पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में उतरना भावुक करने वाला पल रहा. इनके लिए भारत की यात्रा सिर्फ क्रिकेट के सबसे भव्य मंच पर अपना कौशल दिखाने से नहीं जुड़ी बल्कि यह अपनी जड़ों से जुड़ना भी है. इन तीनों ने नेदरलैंड्स में ही क्रिकेट को अपने जीवन का हिस्सा बनाया है लेकिन मातृभूमि से अपने रिश्ते नहीं तोड़े हैं.

 

इन तीनों में तेजा निदामनुरु सबसे ज्यादा उत्साहित हैं क्योंकि नेदरलैंड्स विश्व कप का अपना पहला मैच हैदराबाद में खेल रहा है. तेजा का जन्म हैदराबाद से लगभग 280 किलोमीटर दूर विजयवाड़ा में हुआ था और उस शहर में उनके कई रिश्तेदार हैं. अब यह 29 साल का खिलाड़ी अपने रिश्तेदारों के सामने विश्व कप मैच खेलने के लिए उत्साहित है. तेजा ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘मैं (विजयवाड़ा में) अपने परिवार के साथ संपर्क में हूं और मैं वास्तव में पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ मुझे और टीम को खेलते हुए देखने के लिए उनके हैदराबाद के स्टेडियम में आने का इंतजार कर रहा हूं. अपने जन्मस्थल भारत में विश्व कप खेलने के लिए क्वालीफाई करने को लेकर मैं बेहद उत्साहित हूं. मुझे यकीन है कि जब राष्ट्रगान होगा और मेरा परिवार हैदराबाद में स्टैंड में होगा तो हल्के से आंसू आ जाएंगे.’

 

रिश्तेदारों को मैच दिखाना चाहते हैं विक्रम

 

विक्रम हैदराबाद में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे मैच के नौ दिन बाद 17 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने तीसरे विश्व कप मैच के लिए नेदरलैंड्स टीम की धर्मशाला यात्रा का इंतजार कर रहे हैं. यह 20 साल का ऑलराउंडर उस विस्तारित ब्रेक के दौरान जालंधर के चीमा खुर्द में अपने रिश्तेदारों से मिलना चाहता है. विक्रम ने कहा, ‘मुझे ऐसा करने की उम्मीद है. मुझे उम्मीद है कि मैं जालंधर में हमारे घर जाऊंगा और अपने रिश्तेदारों से मिलूंगा. निश्चित रूप से मैं उन्हें हमारे कुछ मैचों का दौरा कराने की कोशिश कर रहा हूं, उम्मीद है कि धर्मशाला या लखनऊ में.’

 

विक्रम का जन्म नेदरलैंड्स में ही हुआ है. विक्रम पिछले साल ट्रेनिंग के लिए भारत आए थे. उन्होंने कहा, ‘पिछले साल नेदरलैंड्स में सर्दियों के दौरान भारत में मैंने चंडीगढ़ और जालंधर में ट्रेनिंग ली और मुझे कुछ भारतीय खिलाड़ियों से भी मिलने का मौका मिला.’

 

विक्रम के नाम है नेदरलैंड्स का सबसे तेज शतक

 

विक्रम और आर्यन के विपरीत तेजा दुनिया को अपने स्ट्राइकिंग कौशल का नजारा दिखा चुके हैं. तेजा ने 26 जून को हरारे में आईसीसी विश्व कप क्वालीफायर में वेस्ट इंडीज के खिलाफ 76 गेंदों पर 111 रन बनाए थे. नेदरलैंड्स ने 374 पर स्कोर बराबर रहने के बाद वेस्ट इंडीज को एक ओवर के एलिमिनेटर में हराया था. तेजा ने कहा, ‘मेरे नाम नेदरलैंड्स के लिए सबसे तेज एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय शतक है और मुझे इस पर गर्व है. हमारे जीतने और विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने के कारण यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है. कभी-कभी जब आप प्रवाह में होते हैं तो चीजें होती हैं और मैं उस स्थिति में रहने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करता हूं ताकि मैं स्वतंत्रता के साथ खेल सकूं. मुझे खुशी है कि दबाव में इसे पूरा किया जा सकता है.’

 

नेदरलैंड्स के क्रिकेटरों के लिए पूरे साल खेलते रहने में एकमात्र बाधा लंबी यूरोपीय सर्दी है. पंजाब के हाशियारपुर के ताल्लुक रखने वाले 20 साल के ऑफ स्पिनर आर्यन ने कहा कि उन्होंने क्रिकेट के बिना रहने से बचने का तरीका ढूंढ़ लिया है. आर्यन ने कहा, ‘राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी या तो सर्दियों में विदेश जाते हैं और दक्षिणी गोलार्ध की गर्मियों में खेलते हैं या राष्ट्रीय टीम के साथ रहते हैं और इंडोर प्रशिक्षण लेते हैं.’ धर्मशाला में नेदरलैंड्स के मैच में अपने रिश्तेदारों को लाने की योजना बना रहे आर्यन ने कहा, ‘हम सर्दियों में अन्य देशों का भी दौरा करते हैं और उदाहरण के लिए दक्षिण अफ्रीका में कई शिविर लगाते हैं.’

 

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