क्रिकेट में जैसे टाइम्ड आउट का शिकार बने एंजेलो मैथ्यूज, बाकी किन-किन खेलों में जानें कैसे काम करता है ये नियम?

आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 (World Cup 2023) में क्रिकेट के इतिहास में पहली बार एंजेलो मैथ्यूज टाइम्ड आउट के नियम से आउट होने वाले पहले खिलाड़ी बने.

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एंजेलो मैथ्यूज

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एंजेलो मैथ्यूज टाइम्ड आउट के नियम से हुए आउटक्रिकेट के अलावा बाकी किन-किन खेलों में है ये नियम

आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 (World Cup 2023) में क्रिकेट के इतिहास में वो देखने को मिला. जो अभी तक क्रिकेट के मैदान में कभी नहीं हुआ था. श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच खेले जाने वाले मुकाबले में एंजेलो मैथ्यूज को टाइम्ड आउट दिया गया. जिसके चलते वह क्रिकेट के इतिहास में पहली बार टाइम्ड आउट नियम से आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने. हालांकि टाइम्ड आउट के जरिए एंजेलो मैथ्यूज का आउट होना काफी चर्चा का विषय बना. लेकिन अंपायर ने बाद में साफ़ कर दिया था कि 2 मिनट के टाइम के अंदर जब वह पहली गेंद नहीं खेल सके तो अंपायर ने उन्हें बांग्लादेश कप्तान शाकिब अल हसन की अपील पर आउट करार दे डाला. अब टाइम्ड आउट नियम जब पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है तो जानते हैं कि क्रिकेट के अलावा बाकी खेलों में ये किस तरह काम करता है और क्या है इसके नियम?

 

टेनिस


क्रिकेट के अलावा टाइम्ड आउट का नियम टेनिस में भी देखने को मिलता है. टेनिस के मैच में जब एक पॉइंट होता है तो फिर से दूसरे पॉइंट के लिए मैच को शुरू करने के लिए सिर्फ 25 सेकंड्स दिए जाते हैं. इस टाइम के भीतर ही सर्विस करने वाला सर्वर खिलाड़ी और रिसीव करने वाले रिसीवर खिलाड़ी को तैयार होना होता है. अगर ऐसा नहीं होता है तो जसकी गलती होती है, उसे पहले एक चेतावनी और बाद में पेनल्टी के तौरपर विरोधी खिलाड़ी को अंक दिए जाते हैं. जबकि गेम के अंत में जब खिलाड़ी अपने कोर्ट बदलते हैं तो 90 सेकंड्स का मैक्सिमम टाइम दिया जाता है.

 

हॉकी 


हॉकी के फ़ास्ट गेम में पेनल्टी शूटआउट में जब मुकाबला जाता है. तब एक खिलाड़ी को पेनल्टी के दौरान शूट करने के लिए सिर्फ 8 सेकंड्स का समय दिया जाता ह. जिसके अंतर्गत उसे गेंद को हिट करना होता है. जबकि पेनल्टी कॉर्नर लेने पर अटैकिंग और डिफेंसिव दोनों टीमों को तैयार होने के लिए सिर्फ 40 सेकंड्स दिए जाते हैं. यदि टीमें समय सीमा के नियम को नहीं संभल सकती हैं तब फिर अंपायर उनसे पेनल्टी छीन भी सकता है.


रग्बी 


इस साल 2023 में रग्बी के टाइम्ड आउट नियम में बदलाव आया और हाल ही में समाप्त हुए रग्बी वर्ल्ड कप 2023 में इसका इस्तेमाल भी हुआ. जिस पर साउथ अफ्रीका ने कब्जा जमाया. रग्बी में किकर को 90 सेकंड्स के अंदर गेंद को किक करना होता है. अगर ऐसा नहीं करता है तो किक को डिसअलॉव कर दिया जाता है. जबकि पेनल्टी किक 60 सेकंड्स के अंदर लेनी होती है. अगर ऐसा नहीं होता है तो इस सूरत में भी किक को डिसअलॉव कर दिया जाता है. जबकि पेनल्टी के रूप में दो या तीन अंक विरोधी टीम को दिए जाते हैं.


फुटबॉल 


फुटबॉल के 90 मिनट के खेल में 45 मिंट पहला हाफ, 15 मिनट का ब्रेक और उसके बाद 45 मिनट का दूसरा हाफ खेला जाता है. इसमें दोनों हाफ के बीच 15 मिनट का ब्रेक फिक्स होता है. जिसे बढाया और घटाया नहीं जा सकता है. इसलिए खिलाड़ियों को पहले हाफ के बाद और दूसरे हाफ के लिए मैदान में आने के लिए सिर्फ 15 मिनट का ही समय मिलता है. अगर उनके 11 खिलाड़ी 15 मिनट के भीतर तैयार नहीं हो पाते हैं तो जितने खिलाड़ी तैयार होते हैं. उनके साथ ही मैदान में आना होता है. कुछ ऐसा नजारा साल 2008-09 में देखने को मिला था. जब रोमा के खिलाफ मैच में आर्सेनल के 11 के बजाए 9 खिलाड़ी दूसरे हाफ में मैदान में नजर आए थे. तब ये नियम लोगों के सामने चर्चा का विषय बना था.

 

पहलवानी 


पहलवानी में तीन तरह से टाइम्ड आउट का नियम होता है. पहला ये है कि अगर मैच शुरू होने के बाद एक पहलवान मैट पर ना तो अटैक कर रहा है, या फिर न ही डिफेंस करके टैकल कर रहा है. तब उसके कोई भी एक्टिविटी न करने पर रेफरी उसे चेतावनी देगा. जिससे 30 सेकंड्स के भीतर उसे अंक लेना होगा. अन्यथा उसे निष्क्रिय घोषित कर दिया जाएगा. जिससे दूसरे विरोधी पहलवान को एक टेक्नीकल अंक दिया जाएगा.

 

दूसरे केस में अगर दोनों पहलवानों ने पहले दो मिनट में कोई भी अंक नहीं लिए. तब रेफरी एक पहलवान को अगले राउंड के लिए निष्क्रिय घोषित करता है और फिर नियम उसी तरह से काम करता है.

 

तीसरे केस में अगर मैच समाप्त होने में 30 सेकंड्स से कम का समय बचा है. तब सभी रेफरी फैसला लेकर एक पहलवान को निष्क्रिय घोषित करके उसे चेतावनी के साथ दूसरे पहलवान को एक अंक दे देते हैं. अगर इस अंक से निष्क्रिय पहलवान हारता है तो वह इस फैसले को बाद में चैलेंज कर सकता है.

 

वहीं ग्रीकों रोमन पहलवानी में एक्टिव पहलवान को अंक मिलता है और दूसरे पहलवान को निष्क्रिय घोषित किया जाता है. इसमें चेतावनी जैसी चीज नहीं होती है. जबकि एक्टिव रेसलर के पास इस बात का अधिकार होता है कि वह बाउट खड़े होकर या पार टेरे (जमीन) स्थिति में जारी रखना चाहता है. 

 

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