पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक (Misbah Ul Haq) ने टीम की फिटनेस पर सवाल उठाया है और कहा है कि, डोमेस्टिक सीजन में खिलाड़ियों ने इसे मजाक बना रखा है. मिस्बाह उल हक साल 2021 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम का कोच रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि, कोई भी खिलाड़ी बेंचमार्क सेट नहीं कर रहा है और न ही खिलाड़ियों के फिटनेस टेस्ट हो रहे हैं. हर खिलाड़ी यहां बिना फिटनेस टेस्ट दिए खेल रहा है.
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पेट दिख रहे हैं
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने सुझाव दिया कि कुछ पूर्व कोचिंग स्टाफ और उन्होंने खुद टीम छोड़ दी, क्योंकि उन्हें अच्छा ट्रेनर और कोच नहीं माना जाता था. क्रिकेट पाकिस्तान से बात करते हुए मिस्बाह ने कहा, "क्लियर कट, फिटनेस की दिक्कत दिखाई दे रही है, वकार ने चार बार (कोच के रूप में) छोड़ा, मैंने एक बार छोड़ा. मेरे जैसे खिलाड़ी, शोएब मलिक और यूनिस खान काफी फिटनेस में थे और हम खुद को आगे बढ़ाते थे."
उन्होंने आगे कहा, "जो लोग दूसरों को अपनी सीमाओं से बाहर धकेलते हैं, उन्हें न तो अच्छा कोच माना जाता है और न ही अच्छे ट्रेनर. उनके पेट दिखाई दे रहे हैं; उनका निचला हिस्सा भारी है और वे हिल नहीं सकते. इसके पीछे की वजह एक भी फिटनेस टेस्ट नहीं होना है और टीम में फिटनेस के लिए कोई बेंचमार्क नहीं है." मिस्बाह ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को लताड़ लगाते हुए कहा कि घरेलू क्रिकेट में फिटनेस टेस्ट मजाक बन गया है.
बता दें कि दुनिया की कई टीमें ऐसी हैं जो फिटनेस पर ध्यान दे रही हैं और खिलाड़ियों को उस मुकाम तक पहुंचाने में उनकी मदद कर रही हैं. बता दें कि वेस्टइंडीज की टीम के धाकड़ बल्लेबाज शिमरोन हेटमायर को इसलिए टीम से ड्रॉप कर दिया गया क्योंकि उनकी फिटनेस उस लेवल की नहीं थी. वहीं टीम इंडिया ने भी कई खिलाड़ियों को मौका नहीं दिया क्योंकि ये खिलाड़ी उतने ज्यादा फिट नहीं थे. वहीं अगर हम पाकिस्तान की बात करें तो कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो मैदान पर सुस्त रहते हैं और फील्डिंग में भी अच्छा नहीं कर पाते.