12वीं के एग्‍जाम के लिए छोड़ी ट्रेनिंग, फिर लक्ष्‍मण बने संकटमोचक, अब महिला अंडर-19 टी20 वर्ल्‍ड कप में 20 चौके जड़ मचाया तहलका

अंडर 19 महिला टी20 वर्ल्ड कप (U-19 Womens World Cup) में भारत ने साउथ अफ्रीका (India and South Africa) की महिला टीम को 7 विकेट से हराकर मुकाबले पर कब्जा कर लिया. टीम इंडिया के लिए ये जीत बेहद खास थी क्योंकि टीम की कप्तान शेफाली वर्मा ने टीम के लिए ताबड़तोड़ शुरुआत की और 16 गेंद में ही 45 रन ठोक डाले. लेकिन असली कमाल उप कप्तान श्वेता सहरावत ने की. इस बल्लेबाज ने 57 गेंद पर नाबाद 92 रन ठोके और टीम इंडिया को जीत दिला दी. श्वेता ने इस दौरान 20 चौके जड़े. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ठीक 7 महीने पहले श्वेता ने तकरीबन अंडर 19 वर्ल्ड कप टीम की बस छोड़ दी थी. और ये सबकुछ उनकी 12वीं की बोर्ड परीक्षा के चलते हुआ था.

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अंडर 19 महिला टी20 वर्ल्ड कप (U-19 Womens World Cup) में भारत ने साउथ अफ्रीका (India and South Africa) की महिला टीम को 7 विकेट से हराकर मुकाबले पर कब्जा कर लिया. टीम इंडिया के लिए ये जीत बेहद खास थी क्योंकि टीम की कप्तान शेफाली वर्मा ने टीम के लिए ताबड़तोड़ शुरुआत की और 16 गेंद में ही 45 रन ठोक डाले. लेकिन असली कमाल उप कप्तान श्वेता सहरावत ने की. इस बल्लेबाज ने 57 गेंद पर नाबाद 92 रन ठोके और टीम इंडिया को जीत दिला दी. श्वेता ने इस दौरान 20 चौके जड़े. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ठीक 7 महीने पहले श्वेता ने तकरीबन अंडर 19 वर्ल्ड कप टीम की बस छोड़ दी थी. और ये सबकुछ उनकी 12वीं की बोर्ड परीक्षा के चलते हुआ था.

 

लक्ष्मण ने की थी मदद
पिछले साल मई में, श्वेता ने नेशनल क्रिकेट अकादमी को एक चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने कहा था कि, वो महिला अंडर 19 कैंप का हिस्सा नहीं बन पाएंगी क्योंकि 15 मई से 9 जून तक उन्हें 12वीं की परीक्षा देनी है. लेकिन लक्ष्मण ने इसके जवाब में उन्हें लिखा कि, कुछ दिन के लिए भी आप कैंप में आ जाएंगी तो सही रहेगा. इसके बाद श्वेता 3 जून को कैंप में पहुंची और कुछ मैचों में हिस्सा लिया. आखिरी मैच में इस बल्लेबाज ने शतक जड़ा जिसके बाद श्वेता का चयन एनसीए की जोनल टीम में हो गया. इसके बाद उन्होंने अगले 6 मैच में दो और शतक लगाए.

 

 

 

पिता का बयान
इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत में श्वेता के पिता ने कहा कि, हमने पूरी उम्मीदें छोड़ दी थीं. लेकिन लक्ष्मण सर ने हमें मनाया और कहा कि, आप लोग उसे 3- 4 दिन के लिए भेज दें. उनके पिता ने आगे कहा कि, दरअसल लक्ष्मण सर श्वेता की बल्लेबाजी देखना चाहते थे. अंत में श्वेता ने उन्हें प्रभावित किया.

 

वहीं पिछले पांच साल से श्वेता की कोच रहीं दीप्ति धयानी का कहना है कि, श्वेता मैच खत्म करने वाली खिलाड़ी हैं. वो बिना डर और आक्रामक तरीके से खेलती हैं. जब शेफाली अटैक कर रही थीं तब श्वेता उनका साथ दे रहीं थीं लेकिन उनके आउट होने के बाद श्वेता ने हमला बोलना शुरू कर दिया और टीम को जीत दिला दी.


मैच की बात करें तो भारतीय टीम 167 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. लेकिन श्वेता ने अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से 21 गेंद रहते ही टीम इंडिया को जीत दिला दी. शुरुआत में श्वेता का साथ शेफाली ने दिया और 45 रन की पारी में 9 चौके और 1 छक्का लगाया.  दोनों ने मिलकर टीम के स्कोर को 7 ओवरों में 77 कर दिया था लेकिन तभी शेफाली आउट हो गईं. इसके बाद श्वेता ने अकेले दम पर टीम को जीत दिलाई.

 

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