रोहित शर्मा और विराट कोहली को अब उनके फॉर्म के आधार पर ही भारतीय टीम चुना जाएगा. टी20 और टेस्ट से संन्यास लेने के बाद दोनों दिग्गज वनडे में ही भारत के लिए उपलब्ध है. दोनों भारत के लिए पिछली बार चैंपियंस ट्रॉफी में नजर आए थे. करीब सात महीने बाद रोहित और कोहली भारतीय टीम की जर्सी में नजर आएंगे. उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज के लिए चुना गया है. हालांकि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित बतौर कप्तान नहीं, बल्कि बल्लेबाज के रूप में दिखेंगे. शुभमन गिल को उनकी टीम नया कप्तान बनाया गया है.
ADVERTISEMENT
Ind vs Pak मुकाबला कितने बजे होगा शुरू, कब और कहां देखे? यहां जानें हर एक डिटेल
गंभीर और अगरकर की क्या थी योजना?
गिल का वनडे कप्तान बनना नेशनल चयनकर्ताओं और हेड कोच गौतम गंभीर की एक साल की योजना का हिस्सा था. भारतीय क्रिकेट इस समय बदलाव के दौर से गुजर रही है. ऐसे में टीम की कप्तान युवा गिल को सौंपी गई, क्योंकि रोहित और कोहली अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर हैं. हालांकि रोहित और विराट कोहली को दो साल बाद होने वाले विश्व कप तक अपने वनडे भविष्य को लेकर एक साफ मैसेज दे दिया गया है.
रोहित और कोहली का किस आधार पर ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए हुआ चयन?
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार चयनकर्ताओं ने रोहित और कोहली दोनों को ऑस्ट्रेलिया में होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज के लिए चैंपियंस ट्रॉफी में उनके शानदार प्रदर्शन के आधार पर चुना है, जो भारत का पिछला वनडे मैच था. सूत्रों का कहना है कि रोहित और कोहली दोनों को आगे चलकर फॉर्म के आधार पर चुना जाएगा.
किस टीम के खिलाफ हार के बाद एक्शन में आए गंभीर?
गौतम गंभीर पिछले साल जुलाई में भारतीय टीम के हेड कोच बने थे और उन्होंने 2027 विश्व कप तक सभी फॉर्मेट के लिए एक रोडमैप तैयार करने के लिए अगरकर के साथ मिलकर काम किया. न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में मिली हार और ऑस्ट्रेलिया में सीरीज हार ने अगरकर और गंभीर दोनों को एक्शन में आने के लिए प्रेरित किया.
लीडरशिप ग्रुप में उथल-पुथल रोकने के लिए गंभीर का क्या था प्लान?
बीसीसीआई के एक सोर्स का कहना है कि यह गंभीर और अगरकर की सामूहिक कोशिश थी. वे समझते हैं कि रोहित और कोहली दोनों के लिए दो साल बाद अपने पीक पर पहुंचना मुश्किल होगा, क्योंकि वे 30 के दशक के आखिर में हैं. वे नहीं चाहते थे कि अगर रोहित या कोहली का फॉर्म अचानक गिर जाए तो वे हैरान रह जाएं. इससे लीडरशिप ग्रुप में उथल-पुथल मच जाती.
गंभीर और अगरकर को कप्तानी बदलने का कैसे मिला कॉन्फिडेंस?
इंग्लैंड दौरे के लिए चयन से कुछ दिन पहले दोनों ने टेस्ट मैचों से संन्यास की घोषणा कर दी थी. टीम ने बुमराह के बिना भी चैंपियंस ट्रॉफी और इंग्लैंड में दो टेस्ट मैच जीते थे. इससे यह कॉन्फिडेंस मिला कि मौजूदा समय में कोई भी बहुत ज्यादा जरूरी नहीं है.बीसीसीआई सोर्स का कहना है कि गंभीर अपने कार्यकाल के शुरुआती छह महीनों में टेस्ट और वनडे में बैक सीट पर थे, लेकिन न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार ने उन्हें और अधिक मजबूती से जिम्मेदारी संभालने के लिए प्रेरित किया.
विराट कोहली- रोहित शर्मा को BCCI का विजय हजारे ट्रॉफी खेलने का ऑर्डर!
ADVERTISEMENT