बांग्लादेश के खिलाफ पहले वनडे में भारतीय टीम (Ind v Ban ODI) की हार काफी हैरान करने वाली थी. 136 रन पर नौ विकेट हासिल करने के बाद भी टीम अंतिम विकेट को नहीं निकाल पाई और इसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हार के बाद तमाम क्रिकेट फैंस ने केएल राहुल (KL Rahul) और वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) की खराब फील्डिंग को कोसना शुरू कर दिया. लेकिन इन सबसे अलग पूर्व भारतीय खिलाड़ी मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) ने टीम की डेथ गेंदबाजी पर सवाल उठाए. उन्होंने सोनी नेटवर्क के साथ चर्चा में सवाल किया कि टीम में डेथ बॉलर कौन है? पहले मुकाबले में भारतीय पारी सिर्फ 186 रनों पर सिमट गई थी. इसके बाद बांग्लादेश ने इस मुकाबले को एक विकेट से जीत लिया.
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ढाका में खेले गए पहले वनडे में टीम इंडिया को बांग्लादेश के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा. मेजबान टीम ने एक विकेट से जीत हासिल कर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली. शाकिब अल हसन और इबादत हुसैन की अगुआई में बांग्लादेश की गेंदबाजी के सामने भारतीय बल्लेबाज भी लड़खड़ा गए थे. मगर इस लो स्कोरिंग मैच को इतना करीब ले जाने के लिए भारतीय गेंदबाजों की तारीफ तो जरूर हो रही है, लेकिन इसके साथ ही डेथ ओवर की काबिलियत पर भी सवाल उठ रहे हैं.
कैफ ने क्या पूछा
कुछ इसी तरह के सवाल पूर्व भारतीय खिलाड़ी कैफ ने भी उठाए हैं. सोनी स्पोर्ट्स पर एक चर्चा के दौरान कैफ ने कहा, "यह भारत के लिए अच्छा मैच था उन्होंने नौ विकेट लिए थे. गेंदबाजी शानदार थी उन्होंने बल्लेबाजी में खराब दिन के बाद भारत को खेल में वापस ला दिया. गेंदबाजी ने 40वें ओवर तक उसे कवर किया, लेकिन अंतिम 10 ओवरों में हमारा डेथ बॉलर कौन है? क्या वह दीपक चाहर हैं या कुलदीप सेन?"
राहुल के कैच छोड़ने का बचाव
मैच खत्म होने के बाद फैंस ने केएल राहुल की फील्डिंग को लेकर कड़ी आलोचना की, लेकिन इस मामले में कैफ उनके साथ खड़े नजर आए. कैफ ने कहा, "हमने भी कैच छोड़े हैं, केएल राहुल अक्सर ऐसा नहीं करते. वह एक अच्छे फील्डर हैं, उन्होंने टी-20 विश्व कप में डीप से सीधे हिट के साथ लिटन दास को रन आउट किया."
पहले भी आखिरी विकेट बना भारत का सिरदर्द
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि भारतीय टीम नौ विकेट चटकाने के बाद वनडे मैच में आखिरी विकेट हासिल नहीं कर पाई हो और फिर उसे हार का सामना करना पड़ा. टीम के साथ एक लंबा इतिहास जुड़ा हुआ है इस तरह की हार का. साल 1986 में पाकिस्तान के खिलाफ, साल 2000 और 2002 में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ, साल 2013 में वेस्ट इंडीज़ और फिर साल 2014 में एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया को इसी तरह की हार का सामना करना पड़ा था.
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