गुजरात टाइटंस ने आईपीएल इतिहास में अपनी पहली 10 विकेट से जीत हासिल की. शुभमन गिल की अगुआई में गुजरात ने दिल्ली कैपिटल्स को मात देकर प्लेऑफ्स में भी अपनी जगह पक्की कर ली है. इस सीजन में गिल की कप्तानी की काफी तारीफ हो रही है.आईपीएल 2025 में अब तक बल्लेबाज और कप्तान दोनों के तौर पर गिल ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया.उन्होंने 12 मैचों में 60.10 की औसत और 155.69 की स्ट्राइक रेट से 601 रन बनाए हैं, जिसमें 6 फिफ्टी शामिल हैं.इस दौरान गुजरात फिलहाल पॉइंट टेबल में सबसे ऊपर है.
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हालांकि बल्ले और कप्तान के रूप में गिल के इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद गुजरात टाइटंस के सहायक कोच आशीष कपूर का मानना है कि अगर उन्हें टेस्ट क्रिकेट में भारतीय क्रिकेट टीम की कमान सौंपी जाती है तो उनकी टेस्ट कप्तानी के बारे में अभी फैसला करना जल्दबाजी होगी.उनका मानना है कि शुभमन गिल एक ‘सोच-समझकर खेलने वाले क्रिकेटर’ हैं, लेकिन यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि अगर उन्हें भारतीय टीम की कमान सौंपी जाती है तो वह टेस्ट फॉर्मेट में अपनी टी20 कप्तानी की सफलता को दोहरा पाएंगे या नहीं.
सोच-समझकर काम करने वाले खिलाड़ी
गिल को रोहित शर्मा के संन्यास लेने के बाद टेस्ट क्रिकेट में उनके संभावित कप्तान के रूप में देखा जा रहा है. मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपूर ने कहा-
अगर आप शुभमन को बल्लेबाज या मूल रूप से क्रिकेटर के तौर पर देखते हैं, वह सोच-समझकार काम करने वाला है या नहीं, मुझे लगता है कि वह अपने खेल के बारे में काफी सोच-समझकर काम करते हैं.
उन्होंने कहा-
मैंने उन्हें अंडर-16 के दिनों से देखा है. असल में मैंने उसके साथ एनसीए में दो कैंप किए हैं. उस समय भी उन्होंने अपनी उम्र के कई अन्य खिलाड़ियों की तुलना में अपने दिमाग का बहुत अधिक उपयोग किया और यह एक कप्तान के लिए एक अहम क्वालिटी है.उन्हें ना केवल अपने लिए बल्कि दस अन्य खिलाड़ियों के लिए भी सोचना है और मैच जीतने की योजना बनाना है.
भारतीय टीम 20 जून से लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज की शुरुआत करने को तैयार है और इस सप्ताह नए टेस्ट कप्तान की घोषणा होने की उम्मीद है. यह पूछे जाने पर कि अगर मौका दिया जाता है तो गिल टेस्ट कप्तान के रूप में कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं, कपूर ने कहा कि सीमित अनुभव के आधार पर नेतृत्व क्षमताओं का आकलन करना मुश्किल है. भारत के इस पूर्व स्पिनर ने कहा-
मैं कोई ज्योतिषी नहीं हूं. हम उन्हें टी20 क्रिकेट में कप्तानी करते हुए देख रहे हैं, लेकिन जब धोनी को विश्व कप (2007 में) के लिए कप्तान बनाया गया था, तब उन्होंने कहीं भी कप्तानी नहीं की थी. तब किसी को नहीं पता था कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक बन जाएंगे.
कपूर ने कहा-
अगर आप उस समय किसी से पूछते, यहां तक कि खुद धोनी से भी पूछते कि वह अपनी कप्तानी के बारे में क्या सोचते हैं, तो कोई जवाब नहीं मिलता. किसी भी तरह का फैसला लेने से पहले आपको एक खिलाड़ी को काफी समय तक देखना होता है. शुभमन ने अभी शुरुआत भी नहीं की है इसलिए यह कहना बहुत मुश्किल है.
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