करुण नायर को सात साल बाद भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया. वे इंग्लैंड दौरे की टीम इंडिया का हिस्सा हैं. वे आखिरी बार 2018 में इंग्लैंड दौरे के लिए ही चुने गए थे लेकिन तब खेलने का मौका नहीं मिला और तब से वे बाहर ही थे. मगर घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त खेल के बूते उन्होंने 33 साल की उम्र में फिर से वापसी की. करुण नायर ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज से पहले बताया कि किस तरह उन्हें पिछली बार टीम इंडिया में निराशा मिली थी. कैसे मौका होने पर भी उन्हें दरकिनार कर हनुमा विहारी को भारत की प्लेइंग इलेवन में शामिल कर लिया गया था.
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नायर ने ब्रिटिश अखबार मेल स्पोर्ट से बात करते हुए कहा कि 2018 के इंग्लैंड दौरे पर पहले चार टेस्ट में वे बेंच पर ही थे. इंग्लिश टीम 3-1 से सीरीज में आगे थी और आखिरी टेस्ट दी ओवल में होना था. इसके लिए हार्दिक पंड्या को बाहर किया गया और प्लेइंग इलेवन में एक जगह बनी. लेकिन नायर की जगह विहारी को शामिल किया गया. विहारी चौथे टेस्ट से पहले ही टीम इंडिया का हिस्सा बने थे. उन्हें कुलदीप यादव के बाहर होने पर बुलाया गया था. नायर ने कहा कि उन्हें टीम मैनेजमेंट में किसी ने नहीं बताया कि क्यों प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली.
नायर ने कहा,
मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने जमीन में गाड़ दिया और मुझे पता नहीं कि अब कहां जाऊं. मैं उस समय को कभी नहीं भूल पाऊंगा जब मुझे वह खबर मिली थी. मुझे पता नहीं था कि क्या किया जाए या किससे बात करूं इसलिए मैं घूमने निकल गया और सीधे ऑक्सफॉर्ड स्ट्रीट तक चला गया और जो सामने आया उसे खरीदता चला गया. मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो महंगा सामान खरीदते हैं लेकिन उस दिन मैं इनमें डूब गया. मैंने लुई विटों के जूते खरीदे. मैंने पहले कभी ऐसा नहीं किया था. मेरे लिए पैसों की कोई बात नहीं थी. मेरी रुचि पूरी तरह से क्रिकेट में थी और भारत के लिए खेलना चाहता था. मैंने कई बैग भरकर शॉपिंग की. एक मैच बचा हुआ था लेकिन मेरे लिए दौरा खत्म हो चुका था. मेरे लिए हर दिन बहुत मुश्किल था. इसके बाद मुझे नहीं चुना गया.
नायर बोले संन्यास लेने की मिली थी सलाह
नायर ने 2018 के बाद क्रिकेट देखना छोड़ दिया था. उनका कहना था कि वे इसे झेल नहीं पा रहे थे. वे जब भी देखते तो झल्लाने लगते थे. रन सूख गए थे और आत्मविश्वास गिर गया. नायर ने कहा कि उस समय उन्हें कुछ पूर्व क्रिकेटर्स ने सलाह दी कि संन्यास लेकर विदेशी लीग्स में खेलना शुरू कर दूं. इससे अच्छा पैसा मिलेगा. लेकिन वह इतनी जल्दी हार नहीं मानना चाहते थे. नायर ने फिर से घरेलू क्रिकेट में जोर लगाने और टीम इंडिया में वापसी के लिए कदम उठाए. उन्होंने कहा कि शुरू में बहुत दिक्कत हुई थी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी.
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