भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज को हमेशा ही याद किया जाएगा. कुछ खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन के दम पर सुर्खियां बटोरी. वहीं कुछ ऐसे थे जो चोट लगने के बावजूद भी पीछे नहीं बटे और मैदान पर डटे रहे. इसी में एक नाम ऋषभ पंत का भी है. क्रिस वोक्स की गेंद पर ऋषभ पंत चोटिल हो गए थे और उनका पांव फ्रैक्चर हो गया था. इसके बाद भी पंत मैदान पर उतरे और फिफ्टी ठोकी. पंत ने अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए पूरी ताकत लगा दी.
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कैसे लगी थी पंत को चोट
चौथे टेस्ट के पहले दिन, पंत के पैर का अंगूठा चोटिल हो गया. बाद में पता चला कि फ्रैक्चर है. यह पक्का हो गया कि पंत काफी समय तक नहीं खेल पाएंगे, लेकिन फिर भी वे दूसरे दिन बल्लेबाजी करने आए और अर्धशतक बनाया. दूसरी ओर, वोक्स का कंधा 5वें टेस्ट के पहले दिन एक बाउंड्री रोकने की कोशिश में उखड़ गया. इस इंग्लिश ऑलराउंडर ने मैच में गेंदबाजी नहीं की और पहली पारी में बल्लेबाजी भी नहीं की, लेकिन चौथी पारी में, जब टीम को उनकी जरूरत थी तब वो कंधे का सपोर्ट बांधकर मैदान पर उतरे, जिसके बाद पूरे स्टेडियम ने उनके लिए ताली बजाई.
स्टोक्स ने बताया था बेतुका
भारत और इंग्लैंड के बीच इस सीरीज में कुल 10 खिलाड़ी चोटिल हुए. चोट के बाद खिलाड़ी बदलने के नियम पर फिर से बहस शुरू हो गई. चौथे टेस्ट के बाद मैनचेस्टर में बेन स्टोक्स से इस बारे में पूछा गया. इंग्लैंड के कप्तान ने इस विचार को खारिज करते हुए इसे "बेतुका" बताया.
अश्विन ने किया ट्रोल
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल 'ऐश की बात' पर कहा, "इस सीरीज में एक और कमी की बात करना चाहता हूं. तमिल में एक कहावत है, जिसका मतलब है 'तुम्हारा कर्म तुरंत फल देता है'. जैसा बोओ, वैसा काटो. मैं स्टोक्स की क्रिकेट प्रतिभा और उनके रवैये का बड़ा फैन हूं. लेकिन उन्हें सोचकर जवाब देना चाहिए. मैं बस इतना कह रहा हूं कि दूसरी टीम के लिए थोड़ी सहानुभूति दिखाओ. 'मजाक' और 'बेतुका' जैसे शब्दों का इस्तेमाल सम्मानजनक नहीं है. बोलने से पहले सोचो. कर्म तुरंत जवाब देता है."
अश्विन ने यहां क्रिस वोक्स की भी तारीफ की और कहा कि, इस स्थिति में बल्लेबाजी करना बड़ी बात है. उन्होंने अपनी टीम के लिए उस वक्त सबकुछ दांव पर लगा दिया था. अश्विन ने कहा, क्रिस वोक्स स्वेटर के भीतर अपना हाथ घुसाकर आए थे. वो टीम के लिए बैटिंग के लिए तैयार थे. उन्हें पता था कि उन्हें सिर्फ दौड़कर एटकिंसन को स्ट्राइक देनी है. उनको सलाम है. टीम के लिए सबकुछ झोंक देना, शानदार तरीका है.
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