भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से पांच टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू होने वाली है. इस जंग को लेकर दोनों टीमों के प्लेयर्स ने अपनी कमर कस ली है. बल्लेबाज अपने बल्ले की धार को तेज कर रहे हैं तो गेंदबाज अपनी गेंदों से खौफ पैदा करने की तैयारी कर रहे हैं. सालों से दोनों टीमों के बल्लेबाज और गेंदबाजों के बीच एक अलग ही जंग देखने की मिल रही है. अब इंग्लैंड के महान तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने खुलासा किया कि विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर में से उनके लिए कौनसा भारतीय बल्लेबाज मुश्किल था.
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एंडरसन अपने 21 साल के करियर के दौरान भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के खिलाफ अपनी जंग का आनंद लिया लेकिन उन्हें कोहली को गेंदबाजी करना थोड़ा मुश्किल लगा. एंडरसन ने 2003 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था और पिछले सीजन में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहते हुए अपने शानदार करियर का अंत किया.
लंकाशर के इस खिलाड़ी को तेंदुलकर और कोहली दोनों के खिलाफ सफलता मिली.उन्होंने इन दोनों भारतीय सुपरस्टार को नौ और सात बार आउट किया.एंडरसन ने ‘टॉकस्पोर्ट’ से कहा-
कोहली के खिलाफ मुझे शुरुआत में कुछ सफलता मिली थी, जब वह पहली बार इंग्लैंड आए थे (2014 में). मैंने इसका काफी फायदा उठाया, ऑफ स्टंप के बाहर की गेंद उनकी कमजोरी थी, इसका काफी फायदा उठाया और फिर अगली बार जब मैं उनके खिलाफ खेला (2018 में) तो उन्होंने स्पष्ट रूप से उस पर काम किया और यह एक अलग खिलाड़ी को गेंदबाजी करने जैसा था.
एंडरसन ने कहा-
वह (कोहली) वास्तव में अपने खेल को एक अलग स्तर पर ले गए,जिसने ना केवल मेरे लिए बल्कि सामान्य रूप से सभी गेंदबाजों के लिए इसे बहुत मुश्किल बना दिया और मुझे लगता है कि मैंने पहली सीरीज में शायद उहें चार या पांच बार आउट किया और फिर अगली सीरीज में जब मैंने उनके खिलाफ खेला तो उन्हें आउट नहीं कर पाया.
उन्होंने कहा-
उदाहरण के लिए सचिन के खिलाफ मुझे ऐसा नहीं लगा जैसे कोहली के साथ वर्चस्व में बदलाव हुआ, निश्चित रूप से बदलाव था और हां, मुझे गेंदबाजी करने के लिए वह काफी मुश्किल खिलाड़ी लगे, क्योंकि उनके पास उस तरह की दृढ़ मानसिकता भी थी.
एंडरसन का कहना है कि कोहली एक ऐसे व्यक्ति थे जो आपका सामना करने के लिए तैयार रहते थे. एंडरसन ने कहा-
कोहली जंग में उतरना चाहते थे.वह चाहते थे कि आप (यह) जानें.वह बहुत प्रतिस्पर्धी है और उस शुरुआती सफलता के बाद उनके खिलाफ खेलना बहुत मुश्किल था.
उन्होंने आगे कहा-
कोहली खिलाड़ी के रूप में सचिन से थोड़ा अलग थे,जो बहुत ही सौम्य स्वभाव के थे.क्रीज पर बहुत शांत थे और विराट अपनी भावनाओं को अधिक अभिव्यक्त करते थे और अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त करते थे और आप इसे उनकी कप्तानी में देख सकते हैं, जब वह विकेट लेने का जश्न मनाते थे.
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