भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में चल रहे टेस्ट में ऋषभ पंत पैर में फ्रैक्चर के साथ बैटिंग को उतरे. उन्हें पहले दिन के खेल में चोट लगी थी. मगर दूसरे दिन के खेल में जब भारत ने सातवां विकेट गंवाया तब ऋषभ पंत बैटिंग के लिए आए. वे धीमे-धीमे कदमों से सीढ़ियों से उतरे और इस दौरान पूरी तरह से फिट नहीं दिख रहे थे. उनके चलने से पता लग रहा था कि वह दर्द में थे. मगर टीम की जरूरत के लिए पंत ने बल्ला उठाया और उतर गए. उन्होंने 37 रन के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया. वह 54 रन की पारी खेलने के बाद आउट हुए. उनकी वजह से टीम इंडिया 350 तक पहुंचने में कामयाब रही.
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पंत को पहले दिन के खेल में क्रिस वॉक्स की गेंद पर रिवर्स स्वीप खेलते हुए चोट लगी थी. रात में स्कैन में फ्रैक्चर निकला. इसके बाद उनका बैटिंग करना मुश्किल लग रहा था. मगर बीसीसीआई ने खेल शुरू होने के बाद कहा कि जरूरत पड़ने पर पंत बल्लेबाजी करेंगे और ऐसा ही हुआ. शार्दुल ठाकुर को जब बेन स्टोक्स ने आउट किया तो यह खिलाड़ी उतर आया. उन्हें पैर में चोट के बावजूद बैटिंग के लिए आता देखकर मैनचेस्टर टेस्ट देखने आए दर्शक तालियां बजाने को मजबूर हो गए. तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा स्टेडियम गूंज उठा. कई दर्शकों ने खड़े होकर उनकी बहादुरी को सलाम किया.
कमेंटेटर्स ने की पंत की तारीफ
इस दौरान इंग्लिश कमेंट्री कर रहे माइक आथर्टन ने पंत ने के लिए रिमार्केबल प्लेयर टर्म का इस्तेमाल किया. वहीं हिंदी कमेंट्री कर रहे विवेक राजदान ने एक शेर सुनाया. उन्होंने कहा,
तेरी सोच पर मैं चल नहीं सकता, तेवर अपना मैं बदल नहीं सकता,
अरे मोम का पुतला समझ रखा है क्या, मैं हूं वह लोहा जो किसी लौ से पिघल नहीं सकता.
पंत ने ठोकी फिफ्टी, सहवाग के आए बराबर
पंत ने वाशिंगटन सुंदर (27) के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए 23 रन जोड़े. जब 337 के स्कोर पर सुंदर और अंशुल कंबोज दोनों आउट हो गए तब पंत ने ही टीम को 350 के करीब पहुंचाया. उन्होंने चोट से जूझते हुए जोफ्रा आर्चर को छक्का जड़ा तो स्टोक्स को चौका मारा. इससे उनका टेस्ट में 18वां अर्धशतक पूरा हुआ. उन्होंने इस दौरान आर्चर की गेंद पर जो छक्का लगाया था उससे वह भारत की ओर से टेस्ट में संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज बन गए. उनके अब वीरेंद्र सहवाग के बराबर 90 छक्के हैं.
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