नई दिल्ली। सेंचुरियन में तीन मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका पर 113 रन की जोरदार जीत दर्ज की. यह भारतीय टीम का हरफनमौला प्रदर्शन था, जिसमें तेज गेंदबाजों ने अपना बेस्ट दिया. लेकिन इसमें सबसे बेहतर मोहम्मद शमी थे जिन्होंने मैच में सबसे ज्यादा 8 विकेट अपने नाम किए. शमी ने पहली पारी में पांच विकेट लिए और इसी के साथ अपने टेस्ट करियर में उन्होंने 200 विकेट भी पूरे किए. मैच के बाद भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने शमी को दुनिया के शीर्ष तीन तेज गेंदबाजों में से एक करार दिया था. ऐसे में अब शमी की तारीफ भारत के पूर्व क्रिकेटर डब्ल्यू वी रमन ने भी की है, जिन्होंने 2010 में बंगाल के कोच के रूप में शमी के साथ काम किया था.
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102 डिग्री बुखार में भी डाली थी गेंद
डब्ल्यू वी रमन ने कहा कि, शमी के रवैये के मामले में मुझे कभी कोई संदेह नहीं था. मैंने उसे आखिरी दिन के आखिरी सेशन में 60 से अधिक पुरानी गेंदों के साथ फ्लैट आउट गेंदबाजी करते देखा है, इस दौरान सबसे खास बात ये थी कि गेंदबाजी के दौरान उसे 102 डिग्री फारेनहाइट बुखार था. यह उसका पहला गेम था. शमी के रणजी में डेब्यू से पहले, मैं उसे बंगाल के लिए खेलने पर जोर दे रहा था. यहां तक मैंने शमी को कह दिया था कि जिस दिन वो रणजी ट्रॉफी खेलेगा, वह 18 महीने के भीतर देश के लिए भी खेलेगा.
ट्रेनिंग से समझौता नहीं किया
शमी को अपनी फिटनेस के लिए अपने शुरुआती सालों के दौरान महत्वपूर्ण आलोचना का सामना करना पड़ा, लेकिन रमन ने जोर देकर कहा कि ट्रेनिंग के प्रति शमी का दृष्टिकोण अन्य तेज गेंदबाजों से अलग था. रमन ने आगे कहा कि, उसके बारे में दूसरी बात यह थी कि वह दूसरे तेज गेंदबाजों के ट्रेनिंग को पसंद नहीं करता था जो मैदान के चारों ओर दौड़ते या जिम जाते थे. उसके ट्रेनिंग का तरीका डेढ़ या दो घंटे गेंदबाजी करना था. वह उन सेशन में अपने अभ्यास से समझौता नहीं करता था और शमी को यही चीजें दूसरों से अलग बनाती हैं.
बुमराह से बेहतर शमी
रमन ने अपने बयान में आगे कहा कि, मोहम्मद शमी और बुमराह बिल्कुल अलग-अलग हैं. बुमराह के कंधों और बाजुओं में बहुत ताकत है. वे ताकत के साथ गेंदबाजी करते हैं. जबकि शमी एक पारंपरिक गेंदबाज हैं, जिनमें एक अच्छे तेज गेंदबाज के लिए जरूरी सारी चीजें मौजूद हैं. एक कोच के लिए वे बेहतर पसंद हैं.
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