भारतीय ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा के तीसरे महिला वनडे में इंग्लिश बल्लेबाज चार्ली डीन को रन आउट करने के बाद क्रिकेट की दुनिया में हलचल मची हुई है. इस मसले पर नियम साफ होने के बाद भी क्रिकेटर्स और फैंस की राय बंटी हुई है. आईसीसी के नियमों के तहत बॉलर के गेंद छोड़ने से पहले अगर बल्लेबाज क्रीज छोड़ता है तो उसे आउट किया जा सकता है. लेकिन इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन जैसे खिलाड़ी इससे नाखुश दिखे. अब क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबॉन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने इस मसले पर अपना पक्ष रखा है. उसने फैसले को सही माना और कहा कि चार्ली डीन का नॉन स्ट्राइक पर आउट होना एक एक्साइटिंग मैच का अलहदा अंत रहा.
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एमसीसी ने बयान जारी कर कहा कि इस साल उसने नॉन स्ट्राइकर एंड पर रन आउट को अवैध खेल की कैटेगरी से हटाकर रन आउट माना था. यह बदलाव 1 अक्टूबर 2022 से लागू हो जाएगा. यह ऐसा इसलिए किया गया था ताकि गेंदबाज के गेंद फेंकने से पहले बल्लेबाज नॉन स्ट्राइक एंड की क्रीज नहीं छोड़ें. नियम साफ हैं और इन्हें सभी अंपायर्स को खेल के सभी लेवल पर आसानी से समझाना होगा.
'बॉल फेंकने से पहले क्रीज ने छोड़ें बल्लेबाज'
इस मसले पर होने वाली बहस पर एमसीसी ने कहा, ‘सम्मानपूर्वक होने वाली चर्चा अच्छी होती हैं और होती रहनी चाहिए. जहां एक शख्स गेंदबाज को खेल भावना तोड़ते हुए देखता है तो दूसरा नॉन स्ट्राइक वाले बल्लेबाज को जल्दी क्रीज छोड़कर गलत तरीके से फायदा लेते हुए देखता है. एमसीसी का संदेश है कि नॉन स्ट्राइकर्स जब तक बॉलर के हाथ से गेंद जाती हुई नहीं देख लेते हैं उन्हें क्रीज में ही रहना चाहिए. इससे उस तरह से विकेट नहीं गिरेंगे जिस तरह से कल (24 सितंबर) गिरा था.’
एमसीसी ने चार्ली डीन को आउट किए जाने की घटना को एक मजेदार मैच का असाधारण अंत बताया. उसने कहा, 'कल की घटना वास्तव में एक मजेदार मैच का असाधारण अंत रही. इसमें अंपायर्स ने अच्छे से काम किया और इससे ज्यादा कुछ नहीं सोचा जाना चाहिए.'
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