क्या आप जानते हैं आईपीएल के चलते भारत के एक केंद्रीय मंत्री को अपना पद गंवाना पड़ा था? चौंकिए मत, ऐसा हो चुका है. आईपीएल 2010 के बाद ऐसी घटना हुई और शशि थरूर को केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ना पड़ा. थरूर का एक आईपीएल टीम से कनेक्शन था और उन्होंने इसमें हिस्सेदारी ले रखी थी. यह खुलासा होने पर काफी बवाल हुआ था और कांग्रेस को जमकर विरोध झेलना पड़ा था. बाद में थरूर के इस्तीफे के बाद मामला शांत हुआ. उनका और पत्नी सुनंदा पुष्कर की कोच्चि टस्कर्स केरला में हिस्सेदारी थी. दोनों ने Rendezvous Sports World में इक्विटी शेयर लिए थे और यही बवाल का कारण बना.
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बीसीसीआई ने आईपीएल 2010 से दो नई टीमों को शामिल किया. इसके तहत पुणे फ्रेंचाइज सहारा ग्रुप ने खरीदी. उसने टीम का नाम पुणे वॉरियर्स इंडिया रखा. दूसरी टीम कोच्चि टस्कर्स केरला रही जिसका घर कोच्चि था. इस फ्रेंचाइज को कई कंपनियों के एक कंसोर्टियम ने खरीदा था. दोनों टीमों ने आईपीएल में हिस्सा लिया लेकिन दोनों का ही खेल बुरा रहा. ऐसे में फिसड्डी टीमों में इनका नाम आया. इसी बीच थरूर और पुष्कर दोनों आईपीएल के कुछ मैच देखते हुए नज़र आए. पहले पहल तो इस पर ज्यादा ध्यान नहीं गया. लेकिन बाद में आईपीएल प्रेसीडेंट ललित मोदी ने बताया कि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर ने Rendezvous Sports World में इक्विटी शेयर लिए हैं. इसके लिए 70 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
थरूर ने इस्तीफा दिया लेकिन घोटाले से किया इनकार
थरूर तब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री थे. बीजेपी ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. आरोप लगाए गए कि थरूर ने पद का दुरुपयोग करते हुए यह हिस्सेदारी दिलाई. इससे कांग्रेस फंस गई. मामला बिगड़ता देखकर थरूर ने माना कि उनके परिवार के पास कोच्चि टस्कर्स केरला में हिस्सेदारी है और वे इसे बेचने को तैयार है. इस बयान के बाद थरूर ने खुद को दोषी मान लिया. कांग्रेस ने बढ़ते दबाव के बीच इस्तीफा मांगा. थरूर के पास अब कोई रास्ता नहीं था और उन्होंने पद छोड़ दिया. हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जाए. थरूर ने कहा था,
मैं आईपीएल की किसी घोटाले में कभी शामिल नहीं रहा. मुझे गिराया गया क्योंकि मैंने राजनीतिक क्रिकेट हितों के खिलाफ आवाज उठाई थी. एन्फॉर्समेंट डायरेक्टोरेट की ओर से जो जांच की गई उसमें मैंने पूरी तरह से सहयोग किया और कुछ भी गलत नहीं मिला.
कोच्चि टस्कर्स केरला की आईपीएल से छुट्टी
कोच्चि टस्कर्स केरला का हाल भी इस विवाद ने बिगाड़ दिया. एक सीजन बाद ही बीसीसीआई ने इस टीम को हटा दिया. बाद में काफी विवाद हुआ. कोच्चि के मालिकों ने बीसीसीआई के फैसले को आर्बिट्रेशन में चुनौती दी. उनका कहना था कि यह फैसला गलत लिया गया. कोच्चि की ओर से महेला जयवर्धने, रवींद्र जडेजा, मुथैया मुरलीधरन, आरपी सिंह जैसे सितारे खेले थे.
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