25 साल बाद बंगाल का 'दामन' क्यों छोड़ना चाहते हैं ऋद्धिमान साहा, IPL 2022 के बाद होगा बड़ा फैसला!

बीते कुछ महीनों से भारतीय टेस्ट टीम के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा काफी चर्चा में हैं.

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बीते कुछ महीनों से भारतीय टेस्ट टीम के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा काफी चर्चा में हैं. साहा को पहले साउथ अफ्रीका के बाद टीम इंडिया से बाहर निकाला गया. उसके बाद फिर पत्रकार बोरिया मजुमदार के साथ घटित होने वाले विवाद के कारण वह काफी सुर्ख़ियों में बने रहे थे. हालांकि इन दिनों वह आईपीएल 2022 में अपने बल्ले के भी छाए हुए हैं. यही कारण है कि उन्हें आईपीएल के बाद शुरू होने वाले रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट मुकाबलों के लिए बंगाल की टीम में भी शामिल किया गया है. लेकिन स्पोर्ट्सकीड़ा में छपी खबर के अनुसार साहा अब बंगाल की टीम से रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट मुकाबलें नहीं खेलना चाहते हैं और इसके लिए वह बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मांग कर 25 सालों पुराना रिश्ता समाप्त करना चाहते हैं. 


अगले महीने होंगे रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट मुकाबले 

गौरतलब है कि बंगाल क्रिकेट टीम कप अगले महीने रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट राउंड में भाग लेना है. जिसके लिए उसने अपनी टीम में ऋद्धिमान साहा और मोहम्मद शमी को शामिल किया है. मगर साहा इस टीम का हिस्सा नहीं बनना चाहते, जिसने कैब (CAB) को मुश्किलों में डाल दिया है. गुजरात से खेलने वाले साहा को लेकर स्पोर्ट्स कीड़ा में रिपोर्ट आई कि सीनियर विकेटकीपर बंगाल क्रिकेट से सारे संबंध खत्म करने पर गंभीर विचार कर रहे हैं और जल्द ही कैब से अनापत्ति प्रमाण पत्र यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते हैं.


2007 से हैं बंगाल की टीम का हिस्सा 

37 साल के साहा ने साल 2007 में असम के खिलाफ बंगाल की रणजी टीम से डेब्यू किया था और पिछले 25 सालों से अपने घरेलू राज्य बंगाल की टीम से वह खेलते आ रहे हैं. ऐसे में अचानक बंगाल से खफा होने की वजह के चलते एक रिपोर्ट सामने आई कि ग्रुप स्टेज के लिए उपलब्ध नहीं होने के कारण कैब के कुछ अधिकारियों ने टीम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े किए थे, जिसके कारण अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज काफी निराश है. हालांकि, साहा ने अभी तक अंतिम फैसला नहीं किया है और IPL सीजन खत्म होने के बाद कैब के अधिकारी इस मसले पर उनसे बात करने की तैयारी में हैं.


बता दें कि साहा अभी तक बंगाल के लिए 122 फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके हैं और उनके नाम 6423 रन शामिल हैं. जिसमें 203 रनों की सर्वोच्च पारी भी शामिल है. यही कारण है कि वह रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट चरण के लिए बंगाल के प्रमुख खिलाड़ी भी हैं. ऐसे में अगर वह बंगाल का साथ 25 सालों बाद छोड़ते हैं तो ये कैब के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है. 


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