मां 3 घंटे सोतीं, पापा ने मेरे लिए काम छोड़ा, बड़ी मुश्किल से घर चला, वैभव सूर्यवंशी ने इतिहास रचकर बताया किन दिक्कतों को झेलकर IPL तक पहुंचे

आईपीएल के मंच तक पहुंचने और यहां चमकने से पहले एक लंबा समय वैभव सूर्यवंशी और उनके परिवार ने संघर्षों में बिताया. पिता की जिद थी कि बेटे को क्रिकेटर बनाना है तो उन्होंने खुद को पूरी तरह से इसमें झोंक दिया.

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वैभव सूर्यवंशी

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वैभव सूर्यवंशी ने अपने तीसरे आईपीएल मैच में शतक लगाया.

वैभव सूर्यवंशी को राजस्थान रॉयल्स ने 1.10 करोड़ रुपये में लिया था.

वैभव सूर्यवंशी सबसे कम उम्र में आईपीएल खेलने और शतक लगानेे वाले बल्लेबाज हैं.

वैभव सूर्यवंशी ने 14 साल की उम्र में आईपीएल शतक उड़ाकर इतिहास रचा. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले इस खिलाड़ी ने रिकॉर्ड्स की झड़ी इस पारी के जरिए लगा दी. लेकिन आईपीएल के मंच तक पहुंचने और यहां चमकने से पहले एक लंबा समय वैभव सूर्यवंशी और उनके परिवार ने संघर्षों में बिताया. पिता की जिद थी कि बेटे को क्रिकेटर बनाना है तो उन्होंने खुद को पूरी तरह से इसमें झोंक दिया. मां ने बेटे के खेल के लिए न रात को रात समझा और न दिन को दिन. जब भी वैभव की आवाज आती तो तैयार मिलती.

बड़े भाई ने उम्र से पहले की जिम्मेदारियों को अपना लिया ताकि छोटा भाई वह कर सके जो पूरा परिवार चाहता है. गुजरात टाइटंस के खिलाफ जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में जब 35वीं गेंद पर वैभव ने शतक पूरा किया तो यह किसी एक नहीं बल्कि सामूहिक सपने के पूरे होने की मुनादी थी.

'करेगा तुम, करेगा तुम'

 

राजस्थान रॉयल्स की जीत के बाद जब मैदान खाली हो गया तब वैभव बैठे और उन्होंने आईपीएल को बताया कि उनका शतक सिर्फ रिकॉर्ड, इतिहास भर नहीं है. यह उनके परिवार और उनके क्रिकेट के प्रति समर्पण की ऐसी मिसाल है जो देश-दुनिया में किसी और वैभव को अपना सपना पूरा करने में मदद करेगी. सूर्यवंशी ने बताया,

जो भी हूं अभी, सब पैरेंट्स की वजह से हूं. मेरी मम्मी मेरी वजह से, मुझे प्रैक्टिस जाना है तो रात में 11 बजे की सोई हुई दो बजे उठ रही है, तीन घंटा का नींद ले रही है. फिर खाना बना रही है मेरे लिए. पापा उठ रहे हैं. पापा ने काम छोड़ दिया. बड़ा भाई पापा का काम संभाल रहा है. बड़ी मुश्किल से घर चल रहा है. लेकिन पापा लगे हैं मेरे पीछे कि करेगा तुम, करेगा तुम. तो भगवान देखता है कि वह मेहनत करने वाले को असफलता नहीं देता है. तो जो भी रिजल्ट दिख रहा है, सक्सेसफुल हो रहा हूं मैं तो पैरेंट्स की वजह से ही है. 

वैभव ने 5 साल की उम्र से शुरू किया अभ्यास

 

वैभव जब पांच साल के थे तब से उनके पिता संजीव उन्हें क्रिकेटर बनाने में लग गए. 2017 के आईपीएल से उनकी एक फोटो सामने आई है. इसमें छह साल का वैभव पिता के कंधों पर बैठा है और स्टेडियम में मैच देख रहा है. सिर पर राइजिंग पुणे सुपरजायंट का बैंडाना बंधा है और गाल पर लिखा है आरपी. आईपीएल में जो शतक 2025 में आया उसके लिए मेहनत तब से शुरू हो गई थी. वैभव बताते हैं,

बहुत दिनों से मेहनत कर रहा था मैं. अभी रिजल्ट मिला तो काफी अच्छा है. आगे अच्छा करने की कोशिश है. टीम के लिए जितना योगदान दे सकते हैं. 

वैभव लेकिन सिर्फ आईपीएल तक नहीं रुकना चाहते. यह उनकी मंजिल की तरफ बढ़ाए गए कदमों में से एक कदम है. उनका सपना देश के लिए खेलना है, भारत के लिए खेलना है, 'कहते हैं, अभी मेहनत करना है, और करना है, और करना है. जब तक उस लेवल पर नहीं पहुंच जाता तब तक अपनी मेहनत को कंटीन्यू करूंगा. देश के लिए कुछ अच्छा करने की कोशिश करूंगा.'

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