विराट कोहली 2008 में आईपीएल की शुरुआत से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) का चेहरा रहे हैं. वह इस लीग के शुरुआत से एक ही फ्रेचाइज़ के लिए खेलने वाले इकलौत खिलाड़ी हैं. उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की 2021 तक कप्तानी भी की. हालांकि कोहली अपनी टीम को ट्रॉफी नहीं जिता पाए, लेकिन उनके कप्तान रहते हुए आरसीबी ने कई यादगार जीत दर्ज की. आरसीबी पॉडकास्ट पर बातचीत में कोहली ने बताया कि उन्होंने 2021 के बाद कप्तानी क्यों छोड़ दी थी. उन्होंने कहा कि उनके लिए सब कुछ संभालना मुश्किल हो गया था.
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कोहली ने कहा कि वह बिना जज किए क्रिकेट खेलना चाहते थे और यह तभी संभव था जब वह कप्तानी छोड़ दें. उन्होंने कहा-
मैं हमेशा इस स्थिति में था कि मैं क्या करूं... मैं क्या करूं? और मैं चौबीसों घंटे इसके यही सोचता था. यह मेरे लिए बहुत मुश्किल हो गया और अंत में यह बहुत ज्यादा हो गया. इसलिए मैंने कप्तानी छोड़ दी, क्योंकि मुझे लगा कि अगर मैंने तय कर लिया है कि मुझे इस जगह पर रहना है तो मुझे खुश रहने की जरूरत है. मुझे अपनी जिंदगी में एक ऐसी जगह चाहिए, जहां मैं बिना जज किए बस आकर अपना क्रिकेट खेल सकूं.
कोहली की कप्तानी में आरसीबी का प्रदर्शन
विराट कोहली ने अपने आईपीएल करियर में 143 मैचों में बेंगलुरु की कप्तानी की है, जिसमें 47.55 की जीत प्रतिशत के साथ 68 मैच (सुपर ओवर जीत सहित) जीते. उनकी कप्तानी में आरसीबी 2015, 2016, 2020 और 2021 में प्लेऑफ में पहुंची. वह 2016 में टीम को फाइनल तक लेकर गए थे, जहां वे जीत के करीब थे, लेकिन सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के खिलाफ आठ रन से हार का सामना करना पड़ा. उन्होंनेनए सायकिल से पहले सही समय पर कप्तानी भी छोड़ दी. इन सबके बीच कोहली की बल्लेबाजी में उतार-चढ़ाव आते रहे, लेकिन उन्होंने हमेशा मुश्किल परिस्थितियों में बल्ले से आगे बढ़ने के तरीके खोजे.
इस सीजन से पहले कोहली को फिर से कप्तान बनाए जाने की चर्चा थी, क्योंकि टीम में मौजूद बाकी खिलाड़ी उतने अनुभवी नहीं थे, लेकिन आरसीबी ने रजत पाटीदार को कप्तान नियुक्त किया.
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