Pakistan Hawk Eye Controversy : पाकिस्तान में इन दिनों पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) का रोमांच जारी है. लेकिन क्रिकेट के मैदान में गलतियों की जांच करने के लिए इस्तेमाल होने वाली हॉक-आई टेक्नोलॉजी ही जब गलती कर बैठे तो फिर विवाद खड़ा होना तो बनता है. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया जब 22 फरवरी को इस्लामाबाद यूनाईटेड और क्वेटा ग्लैडिएटर्स के बीच मैच खेला गया. इसमें क्वेटा के कप्तान राइली रूसो के एलबीडबल्यू पर विवाद उठा. जिससे शादाब खान की कप्तानी वाली इस्लामाबाद को हार का सामना करना पड़ा तो वह काफी नाराज भी दिखे. लेकिन इसी मसले पर अब हॉक-आई ने अपनी गलती स्वीकारी और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से मांफी मांग ली है.
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कैसे घटी घटना और क्या है मामला ?
दरअसल, 22 फरवरी को इस्लामाबाद ने पहले खेलते हुए 9 विकेट पर 138 रन बनाए थे. इसके जवाब में पारी के 11वें ओवर में क्वेटा के कप्तान राइली रूसो बल्लेबाजी कर रहे थे. तभी अगा सलमान की गेंद पर वह स्वीप शॉट खेल बैठे लेकिन गेंद को मिस कर गए. गेंद पिच पर टिप्पा खाने के बाद उनके पैड पर लगी और मैदानी अंपायर ने रूसो को आउट दे डाला. इस पर रूसो ने रिव्यू लिया तो थर्ड अंपायर ने चेक किया. रिव्यू के दौरान नजर आया कि गेंद पिच से बाहर टिप्पा खा रही है और उसका इम्पैक्ट भी स्टंप्स के बाहर है. जबकि वीडियो में गेंद सीधा स्टंप्स पर जाती नजर आ रही थी और इम्पैक्ट वाली गेंद रूसो के विकेट के बाहर पैड पर टकराती नजर आ रही थी. थर्ड अंपायर ने टेक्नोलॉजी पर विश्वास किया और मैदानी अंपायर का फैसला बदलने को कह डाला.
शादाब खान बिफरे
इस तरह रूसो को जैसे ही नॉट आउट करार दिया गया तो मैदान में मौजूद इस्लामाबाद के कप्तान शादाब खान काफी नाराज नजर आए और उन्होंने हॉक-आई टेक्नोलॉजी पर सवाल भी उठाए. शादाब ने कहा था कि बॉल ट्रैकिंग में अलग गेंद दिख रही थी और हकीकत में कुछ और था. मेरे हिसाब से टेक्नोलॉजी में गलती हुई है. लेकिन ये मैच का टर्निंग पॉइंट मूमेंट था और बड़े टूर्नामेंट में ऐसा नहीं होना चाहिए.
हॉक-आई कंपनी ने मांगी माफ़ी
अब रूसो के इसी एलबीडबल्यू फैसले पर हॉक-आई कंपनी ने अपनी गलती स्वीकारी और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी सलमान नसीर ने लिखित तौरपर माफ़ी मांगी. हॉक-आई कंपनी का मानना है कि रूसो के एलबीडबल्यू में टेक्निकल एरर था और ये कैसे हुआ नहीं जानते.
टीम को जीत दिलाकर लौटे रूसो
वहीं मैच में लेकिन रूसो को नॉट आउट दिए जाने से उनकी टीम क्वेटा ने 18.2 ओवर में सात विकेट पर ही 139 रन बनाने के साथ मैच को तीन विकेट से अपने नाम कर डाला. जबकि जीवनदान मिलने के बाद रूसो आउट नहीं हुए और 38 गेंदों में तीन चौके से 34 रन बनाकर टीम को जीत दिला डाली. रूसो को जब जीवनदान मिला वह 13 रन पर खेल रहे थे और उनकी टीम के 82 रन पर 4 विकेट गिर चुके थे. यही कारण था कि शादाब ने इस फैसले को गेम चेंजिंग मूमेंट बताया.
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