बंगाल के बल्लेबाज काजी जुनैद सैफी रणजी ट्रॉफी 2025-26 में इंजरी रिप्लेसमेंट बनने वाले पहले बल्लेबाज बन गए. उन्होंने गुजरात के खिलाफ कोलकाता में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी के दूसरे राउंड के मुकाबले में सुदीप चटर्जी की जगह ली. ओपनिंग बल्लेबाज चटर्जी को 26 अक्टूबर को फील्डिंग के दौरान चोट लग गई थी. उनके बाएं पैर के घुटने पर चोट लगी. चटर्जी की जगह बंगाल की दूसरी पारी में सैफी नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने उतरे. उन्होंने एक रन बनाया. सैफी का यह चौथा फर्स्ट क्लास और दो साल में पहला रणजी मुकाबला रहा.
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सैफी ने 11 गेंद का सामना किया और एक रन बनाने के बाद सिद्धार्थ देसाई की गेंद पर विकेट के पीछे उर्विल पटेल के हाथों लपके गए. वहीं चटर्जी ने पहली पारी में 12 गेंद में तीन रन बनाए थे. 33 साल के इस बल्लेबाज ने पहले राउंड के मुकाबले में उत्तराखंड के खिलाफ 98 और 16 रन की पारियां खेलीं.
क्या है इंजरी रिप्लेसमेंट नियम
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने 2025-26 के सीजन से इंजरी रिप्लेसमेंट का नियम लागू किया है. इसके तहत अगर किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान अगर गंभीर चोट लगती है जिसकी वजह से वह मैच में आगे खेलने लायक नहीं रहता है तो उस टीम को उसका विकल्प मिल जाएगा. यह नियम कुछ महीनों पहले आईसीसी की ओर से घरेलू क्रिकेट में इंजरी रिप्लेसमेंट देने के निर्देश के बाद लागू किया गया.
भारतीय घरेलू क्रिकेट में कौन बना पहला इंजरी रिप्लेसमेंट
रणजी ट्रॉफी से पहले दलीप ट्रॉफी के दौरान विकेटकीपर हार्विक देसाई को महाराष्ट्र के सौरभ नवाले ने रिप्लेस किया था. वह भारतीय घरेलू क्रिकेट के पहले इंजरी रिप्लेसमेंट बने थे.
इंजरी रिप्लेसमेंट का नियम क्यों लागू किया गया
भारत और इंग्लैंड के बीच जून-अगस्त के दौरान पांच टेस्ट की सीरीज में खिलाड़ी इंजरी से जूझते दिखे थे. तब ऋषभ पंत को पैर में चोट और क्रिस वॉक्स को कंधे में चोट के बाद भी बल्लेबाजी को उतरना पड़ा था. इंटरनेशनल क्रिकेट में इंजरी रिप्लेसमेंट की सुविधा नहीं है. वहां पर केवल कन्कशन होने पर ही रिप्लेसमेंट मिलता है. लेकिन पंत-वॉक्स की चोट के बाद इंजरी रिप्लेसमेंट देने की मांग उठी थी. इसी वजह से आईसीसी ने सभी क्रिकेट बोर्ड से घरेलू क्रिकेट में इस नियम को लागू करने को कहा था. यहां से जो रिपोर्ट मिलेगी उसके आधार पर इंटरनेशनल क्रिकेट में इंजरी रिप्लेसमेंट के लिए नियम बनाए जाएंगे.
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