सोमवार को रणजी ट्रॉफी के ग्रुप सी मुकाबले में त्रिपुरा ने सबको चौंकाते हुए बंगाल की पहली पारी के स्कोर के करीब पहुंचकर मैच को रोमांचक बना दिया. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक त्रिपुरा 273/7 पर पहुंच चुका था. दूसरे राज्य से आए हनुमा विहारी 121 रन पर नाबाद थे, जबकि कप्तान मणिसंकर मुरासिंह 42 रन बनाकर उनका साथ दे रहे थे. दोनों ने आठवें विकेट के लिए 73 रनों की साझेदारी निभाई.
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336 पर सिमटी बंगाल
पूर्व चैंपियन बंगाल अपनी पहली पारी में 336 रन पर सिमट गई. इससे त्रिपुरा अंतिम दिन के खेल में महज 63 रन पीछे रह गया. एक समय 336/9 पर थी बंगाल, लेकिन सुबह एक भी रन जोड़े बिना ऑलआउट हो गई. घरेलू टीम के लिए मुरासिंह और राणा दत्ता ने तीन-तीन विकेट चटकाए, जबकि बिक्रमकुमार दास ने छह ओवर में 2/16 का शानदार स्पेल डाला.
53 रन पर आधी टीम लौटी पवेलियन
त्रिपुरा की शुरुआत बेहद खराब रही. महज 35 रन पर चार विकेट गंवाने के बाद 53/5 पर टीम ऑलआउट हो गई. सबसे ज्यादा नुकसान मीडियम पेसर मोहम्मद कैफ ने पहुंचाया, जिन्होंने 19 ओवर में 4/53 की शानदार गेंदबाजी की. लेकिन इसके बाद भारत के बाहर बैठे ऑलराउंडर हनुमा विहारी ने मोर्चा संभाला. इस बैटर ने 17 चौके और एक छक्के की मदद से शतक ठोका.
विहारी का शतक
आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी, तभी विहारी ने दो अहम साझेदारियां निभाई. पहले विजय शंकर (34) के साथ सातवें विकेट के लिए 107 रन जोड़े, फिर मुरासिंह के साथ नाबाद 73 रनों की साझेदारी की. इसकी बदौलत उन्होंने त्रिपुरा को संकट से निकालकर सम्मानजनक स्थिति में पहुंचा दिया.
दूसरी तरफ, भारतीय टीम में वापसी के लिए पूरी जान लगाने वाले मोहम्मद शमी पूरी तरह नाकाम रहे. सीजन के पहले दो मैचों में ढेर सारे विकेट लेने वाले शमी एक भी विकेट नहीं चटका सके. अब अंतिम दिन का खेल त्रिपुरा के लिए रोमांचक हो सकता है लेकिन टीम को कमाल करना होगा. बता दें कि विहारी की यह पारी न सिर्फ त्रिपुरा के लिए बल्कि उनके अपने करियर के लिए भी अहम साबित हो सकती है.
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