टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने आखिरकार हर्षित राणा को खिलाने और अर्शदीप सिंह को ड्रॉप करने को लेकर चुप्पी तोड़ी है. गंभीर ने कहा कि कुलदीप, राणा और अर्शदीप जैसे खिलाड़ियों को प्लेइंग 11 से बाहर करना उनकी नौकरी का सबसे मुश्किल काम है. इस दौरान उन्हें ये भी देखना होता है कि वो इन खिलाड़ियों से बिल्कुल साफ तरीके से बात करें और ये सभी बातें प्राइवेट रहें.
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बता दें कि गौतम गंभीर की कोचिंग की यही खासियत है कि वो अलग अलग फॉर्मेट में ऑलराउंडर्स को ज्यादा मौका देते हैं. ऐसे में हर्षित राणा और नीतीश कुमार रेड्डी को उन्होंने काफी मौके दिए हैं. एक तरफ अर्शदीप सिंह टी20 में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं. वहीं कुलदीप यादव व्हाइट बॉल क्रिकेट में देश के बेस्ट स्पिनर हैं. लेकिन दोनों ही खिलाड़ियों को ज्यादा मौके नहीं मिलते हैं.
मेरे लिए सबसे मुश्किल काम यही है: गंभीर
गौतम गंभीर ने बीसीसीआई टीवी से बातचीत में कहा कि, एक कोच के तौर पर मेरा काम बेहद मुश्किल है. मुझे पता है कि बेंच पर कई क्वालिटी खिलाड़ी बैठे हैं और हर किसी की जगह प्लेइंग 11 में बनती है. लेकिन अंत में आपको 11 ही चुनने होते हैं. ऐसे में आपको देखना होता है कि बेस्ट कॉम्बिनेशन क्या है.
सबसे जरूरी है खिलाड़ियों से बातचीत
गंभीर ने आगे कहा कि, मेरे लिए सबसे जरूरी चीज है बातचीत और संवाद. संवाद बिल्कुल साफ और ईमानदार होना चाहिए. कभी-कभी ये बातें करना मुश्किल होता है. अगर आपको किसी खिलाड़ी को कहना पड़े कि वह खेल नहीं रहा है, तो यह कोच और खिलाड़ी दोनों के लिए सबसे कठिन बातचीत होती है. क्योंकि मैं जानता हूं कि खिलाड़ी नाराज हो जाएगा, खासकर जब वह प्लेइंग 11 में जगह पाने लायक हो. गंभीर ने आगे कहा कि, कुछ लोग, जिनमें कुछ पूर्व क्रिकेटर भी शामिल हैं वो राणा को खास तौर पर निशाना बना रहे हैं.
आपको ईमानदार रहना होता है: गंभीर
गौतम गंभीर ने अंत में कहा कि, आपको ईमानदार रहना होता है. अगर आप दिल से कह रहे हैं तो इससे बड़ी बात कुछ नहीं. मुझे लगता है कि कुछ खिलाड़ियों को ये समझ आता है. खिलाड़ी और कोच के बीच कम्युनिकेशन रहना चाहिए. लोगों को यहां रोना बंद करना होगा. हमारे सपोर्ट स्टाफ ने कमाल का काम किया है. ड्रेसिंग रूम में सबकुछ सही रहता है और ऐसा ही रहना चाहिए.
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