ऋषभ पंत को मार्को यानसन के खिलाफ खराब शॉट चयन के लिए काफी आलोचना झेलनी पड़ रही है, लेकिन साउथ अफ्रीका के इस तेज गेंदबाज का मानना है कि अगर इस स्टार विकेटकीपर ने सही शॉट खेला होता तो शायद इस तरह की बात नहीं हो रही होती. पंत ने यानसन के खिलाफ तब जोखिम उठाया, जब भारतीय टीम 102 रन पर चार विकेट गंवाने के बाद संकट में थी. लंबे कद के यानसन ने शॉर्ट गेंद फेंकी, जिस पर पंत के बल्ले का किनारा लगा और गेंद सीधे विकेटकीपर के दस्तानों में चली गई.
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पंत के शॉट सेलेक्शन को लेकर यानसन हैरान नहीं हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि चीजें हमेशा आपके हिसाब से होंगी. दिन का खेल खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए यानसन ने कहा कि कई बार ऐसा होता कि ऋषभ पंत उस गेंद को पचास सीट पीछे मारते, सीधे मेरे सिर के ऊपर से मारते और फिर हम अलग बातें कर रहे होते.
बाउंसर से फायदा
भारत की पारी की शुरुआती में ही यानसन को अहसास हो गया था कि ना तो हवा से मदद मिल रही है और ना ही सतह से मूवमेंट मिल रहा है, जिसके कारण उन्होंने बाउंसर आजमाए और तीसरे दिन के खेल के दौरान ये उनके लिए फायदेमंद साबित हुए. दूसरे दिन 91 गेंद पर 93 रन की शानदार पारी खेलकर साउथ अफ्रीका को 500 रन (489) के करीब पहुंचाने के बाद यानसन ने गेंदबाजी से भी कमाल दिखाते हुए 48 रन पर छह विकेट चटकाए और भारत को 201 रन पर समेटने में अहम भूमिका निभाई.
शॉर्ट गेंद पर पांच विकेट
यानसन ने कुलदीप यादव को छोड़कर अपने बाकी पांच विकेट शॉर्ट गेंद पर हासिल किए और उन्होंने भारतीय गेंदबाजों को दिखाया कि जब विकेट से मदद नहीं मिलती तो वैकल्पिक योजना कितनी अहम होती है. यानसन ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो गेंद कोलकाता की तरह उतनी तेजी से नहीं आ रही थी इसलिए हमें एक योजना बनानी पड़ी. जब मैंने अपना पहला विकेट (ध्रुव जुरेल) बाउंसर से लिया तो हमने कहा कि देखते हैं कि यह कब तक काम करेगा और यह काम कर गया.
बल्लेबाजी के लिए अच्छा विकेट
कुलदीप यादव ने जहां बरसापारा की पिच को ‘सड़क’ कहा था तो वहीं यानसेन ने इसे ‘जीवंत पिच’ बताया. उन्होंने कहा कि यह बल्लेबाजी के लिए अच्छा विकेट है. इसमें अच्छी गति, अच्छा उछाल है. अगर आप शॉर्ट गेंद को अच्छी तरह से खेलते हैं तो आप रन बनाएंगे और अगर आप अच्छी गेंदबाजी करते हैं तो आपको विकेट मिलेंगे.
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