'जडेजा-सुंदर का शतक याद रखा जाएगा, ना कि हैरी ब्रूक की 37kmph की गेंद', एलिस्‍टर कुक ने बेन स्‍टोक्‍स को दिखाया आईना

बेन स्‍टोक्‍स ने रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर को ड्रॉ की पेशकश की थी, जिसे जडेजा ने ठुकरा दिया था.

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किरण सिंह

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रवींद्र जडेजा से बात करते बेन स्‍टोक्‍स

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रवींद्र जडेजा ने बेन स्‍टोक्‍स के ड्रॉ के ऑफर को ठुकरा दिया था.

जडेजा और वाशिंगटन सुंदर शतक पूरा करने के बाद मैदान से बाहर गए.

भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्‍टर टेस्‍ट ड्रॉ रहा. इस मुकाबले में दोनों टीमों ने अपना पूरा जोर लगा दिया था. हालांकि पांचवें दिन के आखिरी कुछ मिनटों में हुए ड्रामे में भारत की शानदार वापसी को फीका कर दिया. अब इस मैच की चर्चा भारत की वापसी से ज्‍यादा हाथ ना मिलाने वाले विवाद के कारण ज्‍यादा हो री है. एक बार फिर क्रिकेट की स्पिरिट पर बहस छिड़ गई है, जिसमें पूर्व क्रिकेटर भारत और इंग्लैंड में से किसी एक को चुन रहे हैं. हालांकि इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्‍टर कुक ने रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर का पक्ष लेते हुए कहा है कि दोनों को जो करना था, वह उनके अधिकार में था.

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दरअसल खराब शुरुआत के बाद शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने शतक लगाकर मैनचेस्‍टर में भारत की हार को टाल दिया. आखिरी दिन का खेल समाप्‍त होने से पहले मैच की स्थिति को देखकर साफ हो गया था कि इसका रिजल्‍ट नहीं निकल पाएगा. ऐसे में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने स्‍टंप से कुछ ओवर पहले क्रीज पर मौजूद भारतीय बल्लेबाज रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर को ड्रॉ की पेशकश की.

दो शानदार शतक याद रखे जाएंगे

जडेजा और सुंदर दोनों उस वक्‍त अपने-अपने शतक के करीब थे, इसलिए उन्होंने स्टोक्स से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया और खेल को जारी रखने के लिए कहा. इस वजह से स्‍टोक्‍स और जडेजा के बीच थोड़ी बहस भी हुई. बेन डकेट, जैक क्रॉली, जो रूट और हैरी ब्रुक जैसे कई खिलाड़ी भी बात करते हुए नजर आए. इसके बाद स्टोक्स ने रूट और ब्रुक को अटैक पर लगाया और इसके तुरंत बाद, दोनों भारतीय बल्लेबाजों ने अपने-अपने शतक पूरे कर लिए और मैदान से बाहर चले गए.

इस दौरान हैरी ब्रूक ने गेंद को सही जगह पर डालने की कोशिश भी नहीं की थी और एक के बाद एक ढीली गेंदें फेंकी. इस घटना पर कई रिएक्‍शन आ रहे हैं. ज़्यादातर क्रिकेट एक्‍सपर्ट भारत के पक्ष में हैं. कुक ने भी जडेजा और सुंदर का समर्थन किया. कुक ने बीबीसी स्पोर्ट पर कहा-

 

उनके लिए यह सही फैसला था कि वे उस लय को बरकरार रखें जो उन्हें मिलेगी. जब आप मैदान पर होते हैं, जब आप 140 ओवर खेल चुके होते हैं तो आप निराश हो जाते हैं. इसलिए इंग्लैंड के लिए थोड़ी निराशा ज़रूर है.

मैं समझता हूं कि भारत ने ऐसा क्यों किया. पांच साल बाद आप स्कोरकार्ड देखेंगे, आपको मैच बचाने वाले दो शानदार शतक दिखाई देंगे. साथ ही शुभमन गिल का भी. इसलिए हैरी ब्रुक की 37 मील प्रति घंटे की रफ़्तार वाली गेंद को भुला दिया जाएगा.

भारतीय टीम जब चौथे दिन के पहले सत्र में बल्लेबाजी के लिए उतरी तो मैनचेस्टर टेस्ट में हालात उसके पक्ष में नहीं थे. 311 रनों से पिछड़ने के बाद भारत ने यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन को शून्य पर खो दिया और स्कोर 0/2 हो गया था. खेल के चौथे दिन खत्म होने की पूरी संभावना लग रही थी. हालांकि केएल राहुल और शुभमन गिल की योजना कुछ और ही थी, क्योंकि चौथे दिन दोनों शतक के करीब पहुंच गए थे. हालांकि बेन स्टोक्स ने पांचवें दिन इंग्लैंड के लिए अच्छा प्रदर्शन किया और राहुल को 90 रन पर आउट कर दिया. गिल ने सीरीज का अपना चौथा शतक बनाया, लेकिन लंच ब्रेक के ठीक पहले वह भी जोफ्रा आर्चर की गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे. ऐसे में जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने पांचवें विकेट के लिए 203 रनों की नाबाद साझेदारी की, जिससे मेहमान टीम को बढ़त हासिल करने में मदद मिली और मैच ड्रॉ हो गया.

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