पूर्व भारतीय स्पिनर का एमएस धोनी और प्लेइंग 11 को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, लोगों के इल्जाम पर कह दी बड़ी बात

अमित मिश्रा ने उन लोगों पर हमला बोला है जिन्होंने ये कहा कि अगर धोनी कप्तान न होते तो मिश्रा का करियर कुछ और ही होता. लेकिन मिश्रा ने साफ किया कि अगर धोनी नहीं होते तो शायद को कभी प्लेइंग 11 का भी हिस्सा नहीं बन पाते.

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नेट्स में प्रैक्टिस के लिए जाते युवराज, धोनी, अमित और जडेजा (photo: getty)

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अमित मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है

मिश्रा ने कहा कि धोनी ने उनका काफी सपोर्ट किया है

पूर्व भारतीय लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में अपने खेलने के दिनों को याद करते हुए बड़ा बयान दिया है. सालों से अफवाहें उड़ती रही हैं कि धोनी को मिश्रा पर पूरा भरोसा नहीं था, खासकर जब टीम रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे स्पिनरों पर ज्यादा निर्भर होने लगी. कुछ लोग तो यहां तक कहते थे कि अगर धोनी कप्तान न होते तो मिश्रा का अंतरराष्ट्रीय करियर कुछ और ही होता.

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मिश्रा ने दिया जवाब

मिश्रा ने मेंसएक्सपी से बातचीत में कहा कि, “लोग कहते हैं कि धोनी न होते तो मेरा करियर बेहतर होता. लेकिन कौन जानता है, अगर वो न होते तो शायद मैं टीम में आता भी नहीं. मैं तो उनके समय में ही टीम में आया था. बार-बार वापसी करता रहा. कप्तान के तौर पर उनकी सहमति से ही मैं वापस आ पाता था. इसलिए चीजों को पॉजिटिव तरीके से भी देखा जा सकता है.''

बता दें कि अमित मिश्रा ने टेस्ट क्रिकेट में 22 मैचों में उन्होंने 76 विकेट लिए और टर्निंग ट्रैक पर अक्सर खतरनाक साबित हुए. वनडे में 36 मैच खेले, 64 विकेट चटकाए और औसत बेहतरीन रहा. टी20 इंटरनेशनल में 10 मैचों में 16 विकेट लिए.

मुझे धोनी ने काफी गाइड किया: मिश्रा

मिश्रा ने आगे बताया कि, “मुझे सपोर्ट जरूर मिलता था. जब भी मैं प्लेइंग इलेवन में होता, धोनी कभी ऐसा नहीं करते थे कि मेरे पास न आएं या टिप्स न दें. वो हमेशा कुछ न कुछ बताते थे. न्यूजीलैंड के खिलाफ खेल रहा था, वो मेरी आखिरी वनडे सीरीज थी. धोनी कप्तान थे. मैच बहुत टाइट था. हमने 260-270 रन बनाए थे. मैं बॉलिंग करने आया और सोचा रन रोकूं, विकेट की कोशिश न करूं.दो ओवर के बाद धोनी मेरे पास आए और बोले कि मैं वो नहीं डाल रहा जो मेरR नेचुरल बॉलिंग है. फिर उन्होंने मुझसे कहा, ज्यादा मत सोचो, वही डालो जो तुम हमेशा डालते हो. मैंने वैसा ही किया और विकेट मिल गया. फिर उन्होंने कहा कि, यही तुम्हारी बॉलिंग है, ऐसे ही डालो, ज्यादा मत सोचो. वो स्पेल गेम चेंजर बन गया. मैंने पांच विकेट लिए, शायद वो मेरा बेस्ट स्पेल भी था. उनकी सोच थी कि अगर मैं विकेट नहीं लेता तो हम मैच हार जाएंगे. इसी तरह वो मुझे सपोर्ट करते थे.''

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