चेतेश्वर पुजारा टीम इंडिया से बाहर किए जाने पर हो गए आहत, बोले- मेरे स्वाभिमान को चोट पहुंची

Cheteshwar Pujara Indian Cricket Team: भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का कहना है कि जब उन्हें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद टीम इंडिया से बाहर किया गया तो वे निराश हो गए थे.

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Shakti Shekhawat

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Cheteshwar Pujara Indian Cricket Team: भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का कहना है कि जब उन्हें वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के बाद टीम इंडिया से बाहर किया गया तो वे निराश हो गए थे. इस घटना से उन्हें खुद पर संदेह हुआ और यह एक तरह से उनके स्वाभिमान पर चोट थी. 35 साल के चेतेश्वर पुजारा ने डब्ल्यूटीसी फाइनल में 14 और 27 रन बनाए थे. इसके बाद वेस्ट इंडीज दौरे के लिए नहीं चुना गया था. इससे पहले साल 2022 में भी उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) से बाहर किया गया था. तब इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट में शानदार खेल दिखाने के बाद उनकी वापसी हुई थी. लेकिन वापसी के बाद पुजारा भारत के लिए केवल एक ही शतक लगा पाए. पुजारा भारतीय टेस्ट टीम में 103 मैच खेले हैं.

 

पुजारा ने ‘फाइनल वर्ड पॉडकास्ट’ से कहा, ‘पिछले कुछ सालों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा. यह एक खिलाड़ी के रूप में आपकी परीक्षा लेता है क्योंकि 90 से अधिक टेस्ट खेलने के बावजूद मुझे अब भी खुद को साबित करना पड़ता है. मुझे अब भी साबित करना पड़ता है कि मैं वहां रहने का हकदार हूं. यह अलग तरह की चुनौती है.’ उन्होंने कहा कि टीम से बाहर होने से वह कभी-कभी हताश हो जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘कभी-कभी आप हताश हो जाते हो, यहां तक कि अगर आपको 90 टेस्ट के बाद या पांच-छह हजार रन या मैंने जितने भी रन बनाए उनके बाद, खुद को साबित करना पड़ता है. यह आसान नहीं है. कभी-कभी यह आपके अहं के साथ खेलता है. अब भी संदेह हो जाता है- क्या आप पर्याप्त सक्षम हो.’

 

टीम इंडिया से बाहर होने के बाद जमकर खेल रहे पुजारा

 

इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में ससेक्स की ओर से खेल रहे पुजारा ने कहा, ‘अगर आपको बार-बार खुद को साबित करना पड़ता है तो आप सोचते हो कि क्या ऐसा करना जरूरी है.’ पुजारा पिछले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र (2021-23) में 17 टेस्ट में 928 रन के साथ भारत के दूसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे. उनसे अधिक रन सिर्फ विराट कोहली ने बनाए जो 932 रन के साथ टॉप पर रहे. पुजारा ने घरेलू मैचों में भी तीन शतक जड़े. सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज ने दलीप ट्रॉफी में वेस्ट जोन की ओर से सेंट्रल जोन के खिलाफ खेलते हुए 133 रन बनाए. उन्होंने वनडे-कप में ससेक्स की ओर से नॉर्थम्पटनशर और समरसेट के खिलाफ क्रमश: नाबाद 106 और 117 रन बनाए.

 

पुजारा को यकीन है कि वह अब भी भारतीय क्रिकेट को काफी कुछ दे सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं जानता हूं कि मैंने भारतीय क्रिकेट में जिस तरह का योगदान दिया है उसे देखते हुए मुझे अभी भी बहुत योगदान देना है. कुछ समय पहले मुझे एक दिलचस्प आंकड़ा बताया गया था.’ मुझे बताया गया कि जब भी मैंने भारतीय टीम के लिए 70 या 80 रन से अधिक बनाए तो लगभग 80 प्रतिशत समय भारत जीता या हमने वह टेस्ट मैच नहीं गंवाया.’

 

पुजारा का कहना है कि वह टीम इंडिया में सेलेक्शन को लेकर चिंतित नहीं है. वह पूरा फोकस खेल को सुधारने पर लगा रहे हैं.

 

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