ऑस्ट्रेलिया के सुपरस्टार क्रिकेटर ग्लेन मैक्सवेल ने आईपीएल 2017 में पंजाब किंग्स की कप्तानी करने के दिनों के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उनका कहना है कि वीरेंद्र सहवाग ने मेंटॉर रहते हुए इस फ्रेंचाइज में मनमर्जी से फैसले लिए. प्लेइंग इलेवन वे ही चुनते थे और किसी की सुनते नहीं थे. पंजाब के कप्तान और बाकी कोचेज की इसमें राय नहीं ली जाती थी. ग्लेन मैक्सवेल ने साथ ही बताया कि वे खुद को सहवाग का फैन मानते थे लेकिन उस सीजन के बाद वे फैन नहीं थे. उन्होंने इस बात पर भी नाखुशी जाहिर की कि सहवाग ने सीजन में पंजाब किंग्स के खराब खेल का ठीकरा विदेशी खिलाड़ियों पर फोड़ दिया.
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ग्लेन मैक्सवेल की नई किताब 'The Showman' का एक अंश ईएसपीएनक्रिकइंफो ने छापा है. इसमें पंजाब किंग्स की कप्तानी करने के अनुभव के बारे में विस्तार से लिखा गया है. मैक्सवेल ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2017 की टेस्ट सीरीज के दौरान सहवाग ने उनसे कहा था कि उन्हें कप्तानी मिलेगी. तब सहवाग को मेंटॉर का रोल मिला था. दोनों के बीच टीम को चलाने पर विस्तार से बात हुई थी.
मैक्सवेल ने आगे कहा, 'मैं गलत था. हमारे कोच जे अरुणकुमार पहले सीजन के लिए आए तो साफ हो गया कि वह केवल नाम के कोच थे. सहवाग सब काबू कर रहे थे. पहले दो मैच के बाद काफी कंफ्यूजन हो गया था. कोच और खिलाड़ी निजी तौर पर मेरे पास आते थे और पूछते थे कि क्या चल रहा है लेकिन मेरे पास जवाब नहीं होता था.'
सहवाग ने टीम सेलेक्शन में की मनमर्जी!
मैक्सवेल ने कहा कि सेलेक्शन को लेकर कोचेज के साथ एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया गया. इस पर सब राजी थे लेकिन सहवाग का मत अलग था. उन्होंने साफ कर दिया कि प्लेइंग इलेवन वही बनाएंगे, बात खत्म. सहवाग ने कई मौकों पर ऐसे फैसले लिए जिनका कोई मतलब नहीं था. उदाहरण के तौर पर इशांत शर्मा से मुंबई में होने वाले मैच के बार में एक बार कह दिया गया था कि उन्हें नहीं लिया जाएगा. लेकिन वॉर्म अप में उन्होंने अच्छी बॉलिंग की और उन्हें प्लेइंग इलेवन में ले लिया गया.
'तुम्हारा जैसा फैन नहीं चाहिए'
पंजाब किंग्स आईपीएल 2017 में पांचवें पायदान पर रहे थे. टीम प्लेऑफ में जाने से केवल एक जीत दूर रह गई थी. मैक्सवेल ने तब 14 मैच में 31 की औसत और 173 की स्ट्राइक रेट से 331 रन बनाए थे. उन्होंने किताब में लिखा कि आखिरी लीग मैच के बाद वे प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए जाना चाहते थे लेकिन सहवाग ने बोला की वे जाएंगे. मैक्सवेल के अनुसार,
मैं उस रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाना चाहता था लेकिन सहवाग ने कहा कि वह जाएंगे. टीम बस में पहुंचने के बाद मुझे पता चला कि मुझे मुख्य वॉट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया. वहां चल क्या रहा था? जब तक हम होटल पहुंचे मेरा फोन बजने लगा. सहवाग ने मुझ पर ठीकरा फोड़ा और बड़ी निराशा बताया. मुझ पर बतौर कप्तान जिम्मेदारी नहीं लेने का दोष दिया. मैंने उन्हें मैसेज किया कि उन कमेंट को पढ़ना कितना मुश्किल था. साथ ही जोड़ा कि जिस तरह से उन्होंने यह बर्ताव किया उससे उन्होंने मेरे अंदर को फैन को गंवा दिया. सहवाग ने जवाब दिया- तुम्हारा जैसा फैन नहीं चाहिए. फिर हमने कभी बात नहीं की. मुझे समझ आ गया कि मेरा समय हो गया और मालिकों से मैंने कहा कि अगर सहवाग टीम के साथ रहेंगे तो वे गलती करेंगे.
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