बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ऐसे व्यक्ति हैं जो हमेशा निरंतरता में भरोसा रखते हैं. उनका कहना है कि सात महीनों के अंदर सात कप्तान होना ‘आदर्श नहीं’ है लेकिन कुछ कारणों से चीजें इस तरह से हुई कि ऐसा करना पड़ा. गांगुली ने अपना 50वां जन्मदिन लंदन में अपने दोस्तों और परिवार के साथ मनाया. उन्होंने पीटीआई से साक्षात्कार में कई मुद्दों पर बात की. इस चर्चा में कई कप्तानों, कार्यभार प्रबंधन, मीडिया अधिकारों के मूल्यांकन और बोर्ड की अगुआई के मुद्दे शामिल थे.
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पीटीआई को दिए इंटरव्यू में जब सौरव गांगुली से पूछा गया कि हमने विराट कोहली, रोहित शर्मा, केएल राहुल, ऋषभ पंत, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह को भारतीय कप्तान के तौर पर देखा और अब वनडे में शिखर धवन. निरंतरता प्रभावित हुई. आपका क्या कहना है? इस पर सौरव ने जवाब दिया, ''मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि इतने कम समय में सात अलग कप्तान रखना आदर्श नहीं है लेकिन ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि कुछ अपरिहार्य परिस्थितियां पैदा हुई. जैसे रोहित सफेद गेंद क्रिकेट में दक्षिण अफ्रीका में अगुआई करने वाले थे लेकिन दौरे से पहले वह चोटिल हो गए. इसलिए राहुल ने वनडे में कप्तानी की और फिर हाल में दक्षिण अफ्रीका की घरेलू सीरीज में राहुल सीरीज शुरू होने से एक दिन पहले चोटिल हो गया.'
उन्होंने आगे कहा, ‘इंग्लैंड में रोहित अभ्यास मैच खेल रहा था जब उसे कोविड-19 संक्रमण का पता चला. इन हालात के लिये कोई जिम्मेदार नहीं है. कैलेंडर इस तरह का है कि हमें खिलाड़ियों को ब्रेक देना होता है और फिर किसी को चोट भी लग जाती है तो हमें कार्यभार प्रबंधन को भी देखना होता है. आपको मुख्य कोच राहुल द्रविड़ की परिस्थिति को भी समझना होगा कि प्रत्येक सीरीज में अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण हमें नया कप्तान रखना पड़ा.’
'जितना खेलोगे उतना ही शरीर मजबूत होगा'
बीसीसीआई अध्यक्ष से वर्तमान में ज्यादा क्रिकेट होने और खिलाड़ियों के ब्रेक लेने का सवाल भी किया गया. इस पर उन्होंने कहा, ''अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर में मेरा मानना रहा है कि जितना आप खेलोगे, उतना बेहतर होगे और उतना ही फिट होगे. इस स्तर पर आपको ‘गेम टाइम’ चाहिए और आप जितने ज्यादा से ज्यादा मैच खेलोगे, उतना आपका शरीर मजबूत होगा.'
गांगुली ने कहा, ''हां, आईपीएल 2008 से शुरू हुआ लेकिन मैं चाहूंगा कि आप देखें कि हमने अपने करियर में कितना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है. अगर आप तुलना करो तो कैलेंडर वर्ष में भारतीय टीम के लिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का स्तर ज्यादा नहीं बढ़ा है. हमने काफी वनडे क्रिकेट खेला इसलिये अगर आप देखोगे तो अंतरराष्ट्रीय मैचों के दिन की संख्या लगभग समान ही है.'