रिटायरमेंट के बाद राहुल द्रविड़ ने कैसे लिया कोच बनने का फैसला, दिग्गज का खुलासा, बोले- कपिल देव ने....

द्रविड़ ने बताया कि कपिल देव ने उन्हें रिटायरमेंट के बाद जल्दबाजी करने के लिए नहीं कहा था. ऐसे में राजस्थान रॉयल्स में रहने के दौरान उन्हें लगा कि वो कोचिंग दे सकते हैं.

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जीत के बाद द्रविड़ को हवा में उछालते भारतीय खिलाड़ी

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राहुल द्रविड़ ने बड़ा खुलासा किया है

द्रविड़ ने कहा कि कपिल देव ने उन्हें सलाह दी थी

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने खुलासा किया है कि राजस्थान रॉयल्स में डबल रोल निभाने और पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव की सलाह ने उनके क्रिकेट करियर के बाद कोचिंग को अपनाने के फैसले में अहम भूमिका निभाई. द्रविड़ ने बताया कि कपिल देव ने उन्हें सलाह दी थी कि रिटायरमेंट के बाद अपने भविष्य के बारे में तुरंत कोई फैसला न लें, बल्कि अलग-अलग चीजों में हाथ आजमाएं.

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कपिल पाजी ने दी थी सलाह

क्रिकेट जगत में द्रविड़ को सबसे सफल कोचों में से एक माना जाता है. उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने 2023 वनडे विश्व कप और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाई, साथ ही 2024 टी20 विश्व कप अपने नाम किया.

‘कुटी स्टोरीज विद ऐश’ में बातचीत के दौरान द्रविड़ ने कहा, “मेरे करियर के अंतिम स्टेज में मैं कपिल पाजी से कहीं मिला था. हमारी बातचीत में उन्होंने कहा, ‘राहुल, तुरंत यह मत तय करो कि तुम्हें क्या करना है.’” उन्होंने आगे कहा, “जब करियर खत्म होने वाला होता है, तो मन में सवाल उठता है कि अब क्या? घर पर बैठना कोई नहीं चाहता. हर कोई कुछ योगदान देना चाहता है.”

राजस्थान के साथ रहने के दौरान मैंने कोचिंग के बारे में सोचा

द्रविड़ ने बताया कि राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते समय उन्हें किस्मत ने साथ दिया. उस समय शेन वॉर्न ने टीम छोड़ दी थी, और अपने करियर के दूसरे व तीसरे साल में द्रविड़ ने कोच और कप्तान की दोहरी भूमिका निभाई. उन्होंने बताया कि नीलामी में हिस्सा लेने और टीम के फाइनेंसेस को समझने जैसे अनुभवों ने उनके कोचिंग करियर का रास्ता तैयार किया.

द्रविड़ ने कहा, “मेरे आसपास लोग थे. मैंने पैडी को सिस्टम में शामिल किया, ज़ुबिन हमेशा साथ थे, और उन दिनों मॉन्टी भी थे. लेकिन कप्तान के तौर पर बहुत सारी जिम्मेदारी आप पर होती है.” पूर्व भारतीय कप्तान ने जोर देकर कहा कि राजस्थान में दोहरी भूमिका उनके लिए वरदान साबित हुई. उन्होंने बताया कि कोचिंग की दुनिया में पूरी तरह कदम रखने से पहले उन्होंने दो-तीन साल तक अलग-अलग चीजें आजमाईं. 

मुझे मौके मिले उसके लिए खुशकिस्मत हूं: द्रविड़

उन्होंने कहा, “इस मायने में मैं खुशकिस्मत था कि करियर के अंतिम पड़ाव में मुझे ये मौके मिले. इससे मुझे दो महीने तक यह अहसास हुआ कि कोचिंग और युवा खिलाड़ियों के साथ काम करना कैसा होता है.”  द्रविड़ ने आगे कहा, “दो-तीन साल तक मैंने कई चीजें आजमाईं. मुझे एहसास हुआ कि जब तक मैं फिट हूं, कोचिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें फिट रहना जरूरी है, और इसे हमेशा नहीं किया जा सकता.” बता दें कि, वर्तमान में राहुल द्रविड़ इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रॉयल्स के मुख्य कोच हैं.

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