छत्तीसगढ़ के युवक ने खरीदी सिम फिर आने लगे कोहली-डिविलियर्स के कॉल, रजत पाटीदार की वजह से हुआ खेला, जानिए दिलचस्प कहानी

मध्य प्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट में खेलने वाले रजत पाटीदार की कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने आईपीएल 2025 का खिताब जीता था. उनका नंबर छत्तीसगढ़ के युवक को टेलीकॉम कंपनी ने आवंटित किया.

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रजत पाटीदार और विराट कोहली

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छत्तीसगढ़ के युवक ने अनजाने में ही विराट कोहली से बात कर ली.

टेलीकॉम कंपनियां 90 दिन तक नंबर बंद रहने पर उस नंबर को किसी दूसरे को दे सकती हैं.

छत्तीसगढ़ के एक युवक के साथ सिम कार्ड के चलते ऐसा घटनाक्रम हो गया जिसकी उसने कभी उम्मीद नहीं की थी. विराट कोहली, एबी डिविलियर्स जैसे सूरमा क्रिकेटर्स के फोन कॉल उसके पास आने लग गए. हालांकि कहानी में फिर पुलिस की एंट्री हुई और इस युवक को सिम कार्ड लौटाना पड़ा. यह कहानी है गरियाबंद जिले के 21 साल के मनीष बीसी की. उन्होंने अपने लिए एक नया सिम कार्ड लिया था. जब वॉट्सऐप डाउनलोड किया तो उस पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के कप्तान रजत पाटीदार की फोटो बनी आई. इसके बाद घटनाओं के ऐसा सिलसिला हुआ जिसका अंत घर पर पुलिस आने से हुआ.

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मडागांव के रहने वाले मनीष ने 28 जून को देवभोग की एक मोबाइल दुकान से अपने लिए सिम खरीदी. इसके बाद उसे चालू किया और काम में लेने लगे. अब तक कोई दिक्कत नहीं थी. उन्होंने जब वॉट्सऐप इंस्टाल किया तब मामला अलग हुआ. वॉट्सऐप में उस नंबर पर रजत पाटीदार की फोटो प्रोफाइल पिक्चर में लगी हुई थी. मनीष ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया. फिर उस नंबर पर क्रिकेट जगत के बड़े-बड़े नामों के फोन आने लगे. इनमें कोहली, डिविलियर्स, यश दयाल जैसे दिग्गज शामिल थे.

मनीष और उसके दोस्त खेमराज दो सप्ताह तक इस तरह के कॉल्स को उठाते रहे और बात करते रहे. उन्हें लगा कि लोग उन्हें कॉल करके मजाक कर रहे हैं. ऐसे में मनीष खुद का परिचय महेंद्र सिंह धोनी के रूप में देने लगे. लेकिन रजत पाटीदार को अहसास हुआ कि वह अपना वॉट्सऐप नहीं चला पा रहे हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश साइबर सेल में शिकायत दी. जांच में सामने आया कि छत्तीसगढ़ में एक युवक के पास उनके नंबर वाला सिम कार्ड है. टेलीकॉम कंपनी ने वह नंबर बंद रहने के बाद उसे एक नए ग्राहक को दे दिया था.

सिम कार्ड को लेकर किस तरह से हुई गफलत

 

टेलीकॉम कंपनियों के नियमों के अनुसार, अगर कोई नंबर तीन महीने तक बंद रहता है तो वह सिम निष्क्रिय हो जाती है. तब वह नंबर दूसरे व्यक्ति को दे दिया जाता है. पाटीदार के मामले में ऐसा ही हुआ. उनका नंबर बंद रहा तो कंपनी ने वह नंबर मनीष को दे दिया. जानकारी के अनुसार पाटीदार ने पता लगने पर मनीष को कॉल किया और कहा वह उनका नंबर है. उन्हें वह सिम दे दिया जाए. लेकिन मनीष को लगा कि फिर से कोई मजाक कर रहा है. ऐसे में उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया.

मनीष ने पुलिस को दी सिम

 

मध्य प्रदेश से आने वाले पाटीदार ने तब पुलिस का सहारा लिया. मनीष ने पुलिस को यह सिम कार्ड लौटा दिया. उन्होंने इस घटना के बारे में बताया कि काफी मजेदार घटना रही लेकिन उन्हें इस पर विश्वास भी नहीं हो रहा. अनजाने में ही उन्हें कोहली से बात करने का मौका मिल गया. मनीष उम्मीद करते हैं कि कभी उनकी मुलाकात पाटीदार से होगी तब वह उनसे इस बारे में बताएंगे.

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